एबीवीपी ने पीजी कॉलेज में अराजकता का आरोप लगाया, आंदोलन की दी चेतावनी
एबीवीपी का आरोप: पीजी कॉलेज में जंगल राज, सुधार न हुआ तो होगा आंदोलन
झाबुआ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शहीद चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय में व्याप्त अव्यवस्था को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्र नेताओं ने महाविद्यालय के प्राचार्य को एक ज्ञापन सौंपते हुए दावा किया कि कॉलेज में "जंगल राज" चल रहा है। उनका कहना है कि यह कॉलेज प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज कहलाता है, लेकिन वास्तव में यह "प्रधानमंत्री झूठा कॉलेज" बन गया है, जहां प्राध्यापक अपनी मर्जी से आते-जाते हैं। छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि प्राध्यापक कक्षा के समय में भी बाहर चाय पीने और घूमने में व्यस्त रहते हैं, जबकि विद्यार्थी डिपार्टमेंट के बाहर खड़े होकर उनके इंतजार में समय बर्बाद करते हैं। प्राध्यापकों का कोई अता-पता नहीं रहता, जिससे पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

एबीवीपी के प्रांत मंत्री दर्शन कहार ने कॉलेज की इस दयनीय और निंदनीय स्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी कि यदि महाविद्यालय प्रशासन ने जल्द ही इन अनियमितताओं को नहीं सुधारा, तो संगठन चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगा। उनका कहना था कि छात्रों के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया के दौरान प्राचार्य के साथ लंबी बहस भी हुई, जिसके बाद जिला संयोजक अजय भूरिया ने औपचारिक रूप से ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस दौरान एबीवीपी के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें भूमिका पंवार, अर्जुन मेड़ा, करण अमलियार, आशु सोलंकी और साक्षी नाडिया जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। छात्र नेताओं ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा कि कॉलेज में शिक्षा का स्तर सुधारना और प्राध्यापकों की जवाबदेही सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है। उनका आरोप है कि वर्तमान में कॉलेज प्रशासन पूरी तरह लापरवाह हो चुका है, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। एबीवीपी ने यह भी संकेत दिया कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन को तेज करने के लिए मजबूर होंगे। इस घटना ने कॉलेज के भीतर व्याप्त अव्यवस्था को एक बार फिर उजागर कर दिया है और प्रशासन के सामने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर छात्रों के हितों की रक्षा कब और कैसे की जाएगी।
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