श्रृंगेश्वर धाम बनेगा भव्य धार्मिक पर्यटन केंद्र , 6.3 करोड़ की योजना से विशाल घाट और प्राचीन मंदिर तक होगी आसान पहुंच
धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में नया स्वरूप
झाबुआ / पेटलावाद: पेटलावद क्षेत्र में स्थित पौराणिक श्रृंगेश्वर धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशन में एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया के मार्गदर्शन में जल संसाधन विभाग द्वारा इस ऐतिहासिक स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए 6.3 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस योजना के तहत श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक घाट, गार्डन, सुरक्षा रैलिंग, बैठने की व्यवस्था सहित कई कार्य किए जाएंगे।
भक्तों के लिए आधुनिक सुविधाएं
श्रृंगेश्वर धाम में प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने घाट निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें माही और मधुकन्या नदी के संगम पर एक नया संरक्षित घाट बनाया जाएगा। प्रस्तावित घाट लगभग 250-300 मीटर लंबा और 25 मीटर चौड़ा होगा, जिससे भक्तजन सुरक्षित रूप से पूजा-अर्चना कर सकें। घाट का निर्माण इस प्रकार किया जाएगा कि यह माही नदी के बैकवाटर में सुरक्षित रहे और जल प्रवाह के कारण मिट्टी के कटाव को रोका जा सके।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
श्रृंगेश्वर धाम का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह तीर्थस्थल माही और मधुकन्या नदी के संगम पर स्थित है और इसकी पौराणिक मान्यता संत श्रृंगी ऋषि से जुड़ी हुई है। मान्यता के अनुसार, ऋषि श्रृंगी के सिर पर एक सींग था, जो माही नदी में स्नान करने के बाद स्वतः गल गया। तभी से इस स्थान को "श्रृंगेश्वर धाम" कहा जाने लगा। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस पवित्र नदी में स्नान करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु विशेष अवसरों पर यहां पहुंचते हैं। कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार के अवसर भी विकसित करना है। आगामी 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान श्रृंगेश्वर धाम को शिवलिंग टूरिस्ट सर्किट में जोड़ने की योजना बनाई गई है। इससे क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी और स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ भी होगा।

अन्य विकास कार्य भी प्रस्तावित
श्रृंगेश्वर धाम के साथ-साथ देवझिरी प्राचीन तीर्थ स्थल पर भी घाट निर्माण और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई गई है। विभिन्न विभागों के समन्वय से यहां भी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे यह स्थल भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सके। श्रृंगेश्वर धाम पर सालभर धार्मिक आयोजन होते हैं, जिनमें गुरु पूर्णिमा महोत्सव, सोमवती अमावस्या, शनिश्चरी अमावस्या और श्रावण मास के विशेष आयोजन शामिल हैं। वर्ष 2023 में यहां भव्य रुद्र महायज्ञ का आयोजन भी किया गया था। इस धाम की स्थापना ब्रह्मलीन महंत काशीगिरी महाराज ने की थी, जिन्होंने इसे अपनी मेहनत और समर्पण से एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया।
श्रृंगेश्वर धाम: आस्था और पर्यटन का संगम
श्रृंगेश्वर धाम का यह विकास कार्य धार्मिक आस्था, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को एक साथ जोड़ने का प्रयास है। यहां स्थित प्राचीन मंदिर माही डैम के बैकवाटर में जलमग्न हो चुका है, जिसके बाद नया मंदिर घाटी में बनाया गया। इस मंदिर में शिवलिंग, पंचमुखी हनुमानजी, ऋषि श्रृंगी, काशीगिरी और माही माता की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। श्रृंगेश्वर धाम का यह सौंदर्यीकरण परियोजना आने वाले वर्षों में न केवल इस क्षेत्र की धार्मिक महत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि इसे एक प्रमुख आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा।
आपकी राय