श्रीरामशरणम् झाबुआ में राम नाम दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन, 9832 लोगों ने ली दीक्षा
झाबुआ। श्रीरामशरणम् झाबुआ के तत्वावधान में 9 जनवरी से 12 जनवरी तक आयोजित राम नाम दीक्षा कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। झाबुआ. मप्र, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ एवं भारत के अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्री रामशरण केंद्र झाबुआ पर होने वाले खुले सत्संग में श्रीराम साधक सम्मिलित हुए है । श्रीरामशरणम् झाबुआ पिछले कई वर्षों से आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियां संचालित कर रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत 9 जनवरी 2025 को हुई, जब श्रीरामशरणम् ने बोलासा (सेमरोड़) में राम नाम दीक्षा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 984 पुरुष और 957 महिलाएं, कुल 1941 लोगों ने श्रीराम के नाम की दीक्षा ग्रहण की। इसके बाद 10 जनवरी को गुजरात के झालोद कस्बे में कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें 1195 पुरुष और 903 महिलाएं शामिल हुईं, और कुल 2098 लोगों ने दीक्षा ली। 11 जनवरी 2025 को राजस्थान के मोर, गढ़ी परतापुर में आयोजित कार्यक्रम में 858 पुरुष और 1036 महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें से कुल 1894 लोगों ने राम नाम की दीक्षा ली। अंततः 12 जनवरी को झाबुआ में आयोजित कार्यक्रम में 1977 पुरुष और 1922 महिलाएं, कुल 3899 लोगों ने दीक्षा ली। इस तरह, चार दिनों में श्रीरामशरणम् झाबुआ द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों में कुल 9832 लोगों ने राम नाम की दीक्षा ग्रहण की। इनमें 5014 पुरुष और 4818 महिलाएं थीं। यह कार्यक्रम झाबुआ क्षेत्र में श्रीरामशरणम् द्वारा की जा रही आध्यात्मिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। उल्लेखनीय है कि श्रीरामशरणम् झाबुआ पिछले कई दशकों से धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, और इस दौरान लाखों साधकों ने दीक्षा ली है। दीक्षा प्राप्त करने वाले साधकों ने इस अवसर पर जीवन में साधना और राम के नाम के जाप को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया।
श्रीरामशरणम् झाबुआ ने इस कार्यक्रम की तैयारी पिछले दो महीनों से शुरू कर दी थी, जब कार्यकर्ताओं ने विभिन्न गांवों और कस्बों में जाकर राम नाम दीक्षा का प्रचार-प्रसार किया। इस प्रयास ने कार्यक्रम को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया, और बड़ी संख्या में लोग इस आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बने। इस दौरान, कई श्रद्धालुओं ने अपने जीवन में राम नाम को एक सशक्त साधना का हिस्सा मानते हुए अपने जीवन को साधना और समर्पण का मार्ग बनाने का संकल्प लिया। श्रीरामशरणम् झाबुआ का इतिहास 1971 से जुड़ा हुआ है, जब से यह केंद्र धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है। आज तक, इस केंद्र से तीन लाख से अधिक साधकों ने राम नाम दीक्षा ली है और वे आदर्श जीवन जीने के साथ-साथ अपनी साधना में निरंतर लगे हुए हैं। श्रीरामशरणम् झाबुआ की यह पहल न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों के भक्तों के लिए भी एक प्रेरणा बन चुकी है।
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