झाबुआ में 'खुमसिंह महाराज नो मेला' और शौर्य यात्रा, धर्मांतरण और लव जिहाद पर रोक लगाने का आह्वान

झाबुआ।  विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल द्वारा झाबुआ शहर के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर "6वें झाबुआ का गौरव, खुमसिंह महाराज नो मेला"का उद्घाटन किया गया। यह मेला 1 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है और प्रतिदिन सुबह 9 बजे से रात 12 बजे तक खुला रहेगा। मेले का उद्घाटन समारोह 1 जनवरी को दोपहर 1 बजे आयोजित हुआ। उद्घाटन के अवसर पर विहिप धर्म प्रसार के प्रांत सह प्रमुख संजय होल्कर (इंदौर), विहिप धर्म प्रसार जिला प्रमुख कमलसिंह महाराज, विहिप जिला अध्यक्ष आज़ाद प्रेमसिंह डामोर, आदिवासी संत कानूजी महाराज, पूनाजी महाराज और अन्य प्रमुख धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व मौजूद थे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना था, बल्कि यह भी था कि समाज में जागरूकता फैलाने के लिए एक मंच प्रदान किया जाए। उद्घाटन समारोह में सर्वप्रथम अतिथियों ने भारत माता, भगवान श्री राम, हनुमान जी महाराज और संत खुमसिंह जी महाराज की तस्वीरों पर माल्यार्पण किया और इस मौके पर कार्यक्रम की सफलता की कामना की। इस मेला में विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक, और पारंपरिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसमें हिंदू संस्कृति और धर्म से जुड़े कई पहलुओं को प्रदर्शित किया गया है। यहां पर श्रद्धालुओं के लिए हस्तशिल्प की दुकाने, विभिन्न खाद्य स्टॉल्स और मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने धर्म और संस्कृति से जोड़ना और समाज में एकता और सामूहिकता की भावना को प्रोत्साहित करना है। 

Jhabua News- 'Khumsingh Maharaj Mela' and Shaurya Yatra in Jhabua, call to ban religious conversion and love jihad.-झाबुआ में 'खुमसिंह महाराज नो मेला' और शौर्य यात्रा,  धर्मांतरण और लव जिहाद पर रोक लगाने का आह्वान

Jhabua News- 'Khumsingh Maharaj Mela' and Shaurya Yatra in Jhabua, call to ban religious conversion and love jihad.-झाबुआ में 'खुमसिंह महाराज नो मेला' और शौर्य यात्रा,  धर्मांतरण और लव जिहाद पर रोक लगाने का आह्वान
         
उद्घाटन समारोह के बाद, विशेष रूप से धर्मांतरण के खिलाफ एक जागरूकता अभियान चलाने के लिए शौर्य यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा धर्मातरण पर प्रतिबंध लगाने के समर्थन में निकाली गई थी। यात्रा में शामिल लोग बैंड-बाजों और डीजे की धुनों पर झूमते हुए अपनी धार्मिक आस्था और विश्वास का प्रदर्शन कर रहे थे। कार्यकर्ता अपने हाथों में केसरिया ध्वज लिए हुए थे, जो भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म की पहचान का प्रतीक है। यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर लगभग 1 किलोमीटर लंबी चली और इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यात्रा के दौरान लोगों ने जोर-शोर से धार्मिक नारे लगाए और समाज में जागरूकता फैलाने का संदेश दिया। यह यात्रा धर्मांतरण के खिलाफ एक कड़ा संदेश देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी, जिसमें विशेष रूप से ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रलोभन देकर किए जा रहे धर्म परिवर्तन पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। आयोजकों ने यह भी कहा कि लव जिहाद जैसी घटनाओं को बढ़ावा देने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। यात्रा में शामिल लोग यह संदेश दे रहे थे कि समाज में धार्मिक समरसता बनाए रखने और किसी भी प्रकार के प्रलोभन से बचने के लिए जागरूकता जरूरी है। साथ ही, यह यात्रा समाज में पारिवारिक और धार्मिक एकता को प्रोत्साहित करने के लिए भी थी। 

हमे अपने धर्म की रक्षा स्वयं करना होगी :
 विहिप 'मेन' जिलाध्यक्ष आजाद प्रेमसिंह डामोर ने कहा कि अब पूरे देश में हिन्दू समाज एकजुट हो गया है। हमे अपने धर्म की रक्षा स्वयं करना होगी। हिन्दू धर्म सबसे श्रेष्ठ धर्म होकर हमे पादरियों और ईसाइयों के प्रलोभन में आकर धर्म परिवर्तन नहीं करने के साथ जागरूकता का परिचय देना है। पहले यह मेला क्रिसमस पर लगता था, लेकिन पिछले 6 सालों में अब यह स्व. श्री खुमसिंह महाराजजी की स्मृति में इसका आयोजन भव्य स्तर पर हो रहा है। विहिप धर्म प्रसार जिला प्रमुख कमलसिंह महाराज ने सभी से भगवान श्रीराम एवं भारत माता के जयघोष लगाते हुए कहा कि जिले को धर्मातरण करने एवं जो धर्म परिवर्तन कर चुके है, उनकी घर वापसी करना ही विहिप, बजरंग दल का मुख्य उद्देश्य है। अब जिले के गांव-गांव, फलियों फलियों  में आदिवासी समाज भगत बनने के साथ सत्संग-प्रवचन और धर्म जागरण जैसे अनेक कार्यक्रम हो रहे है।  शोर्य यात्रा का उद्देश्य हिन्दू समाज में शोर्य और धर्म के प्रति सजग रहने का साक्षी है। आपने आगे कहा कि हम सभी को धर्म के प्रति जागरूक और सजग रहना होगा और यदि धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करना पड़े, तो इसके लिए तैयार रहना है। हमे केलेंडर का वर्ष 2025 का जश्न नहीं मनाते हुए उत्तरप्रदेश के अयोध्या नगरी में भगवान श्रीरामलला की प्राण- प्रतिष्ठा का एक वर्ष पूर्ण होने की खुशियां मनाना है। भगवान श्रीराम हम सभी के लिए रुक है और उनके आदर्शों पर चलकर अपने जीवन को समृद्ध तथा खुशहाल बनाना है।

      कइयों ने अपने भाषणों में यह बात भी कही कि समाज में शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए हमें अपने धार्मिक मूल्यों और परंपराओं को बनाए रखना होगा और किसी भी प्रकार के धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। इसके साथ ही, लव जिहाद जैसे मामलों में भी लोगों को जागरूक किया गया और इसके खिलाफ सामाजिक और कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई। यह आयोजन न केवल झाबुआ जिले के लिए एक धार्मिक समागम था, बल्कि इसने पूरे समुदाय को एकजुट करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास किया। मेले में और यात्रा में शामिल हुए लोगों ने यह सुनिश्चित किया कि यह अभियान शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हो और सभी लोग अपने धर्म, संस्कृति और पहचान के प्रति जागरूक रहें। इस आयोजन ने झाबुआ में धार्मिक जागरूकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आने वाले समय में ऐसे आयोजनों का आयोजन और बढ़ सकता है, जिससे लोगों में आपसी भाईचारे और सामूहिकता की भावना मजबूत हो।

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