पीएम श्री शासकीय कन्या विद्यालय में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुए विभिन्न आयोजन
झाबुआ। सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव हर्षोल्लास के साथ भक्तिपूर्ण वातावरण में मनाया गया। पीएम श्री कन्या उमावि थांदला में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर नृत्य नाटिका,फैंसी ड्रेस ,व्याख्यान आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए , जिसमे संस्था की छात्राओ द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर भजन, गीत की प्रस्तुति हुई तथा विद्वानों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र पर व्याख्यान दिए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीईओ स्वरूप श्रीवास्तव ने श्रीमद् भगवत् गीता के श्लोकों का सस्वर वाचन करते हुए प्रभु के कर्म सिद्धांत की व्याख्या की। श्रीकृष्ण के बाल्यावस्था एवं अन्य शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण द्वापर युग में जन्मे थे मगर वह आने वाले भविष्य के भी कर्मयोगी देवता हैं। प्राचार्य मंगलसिंह नायक ने श्रीकृष्ण के जीवन से सीख लेने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि विश्व के वैज्ञानिक और विद्वान यह मानते हैं कि भगवत् गीता के उपदेशों पर यदि हम चलें तो हमें कभी असफलता नहीं मिलेगी। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा भजन प्रस्तुत किए गए।
विद्यालय की छात्रा स्नेहा त्रिपाठी ने काव्य पाठ किया तथा अभ्युदय गुप्ता ने सुमधुर बासुरी का वादन प्रस्तुत किया। स्टाफ सदस्यों द्वारा श्री कृष्णजी के जीवन की विभिन्न लीलाओं,उनके जीवन दर्शन ,मित्रता ,जगतगुरु के रूप में श्री कृष्ण के रूप को विस्तृत रूप से छात्राओ के बीच बताया गया।
ब्लॉक पेटलावद में शासकीय और अशासकीय संस्थाओ द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाया गया। जिसमें बीईओ श्री आर यादव और बीआरसी श्रीमती रेखा गिरि द्वारा विभिन्न कार्यक्रम में भाग लेकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया। शासकीय कन्या हाई स्कूल कल्याणपुरा मैं भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के परिपेक्ष में कार्यक्रम किया गया और बच्चों को भगवान श्री कृष्ण की आत्मकथा के विषय बताया गया।
विद्यालयों में धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
जिले के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में सोमवार को धूमधाम के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। स्कूल के विद्यार्थियों ने भगवान कृष्ण की जीवनलीला की जीवंत प्रस्तुतियाँ दीं तथा गीत एवं भजनों की भी प्रस्तुतियाँ दी गई । बच्चों ने भगवान कृष्ण की बाललीला, माखनचोरी की प्रस्तुतियाँ देते हुए सुमधुर भजन प्रस्तुत किए। विद्यालयों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, शिक्षा, मित्रता के महत्व एवं गीता ज्ञान पर आधारित कार्यक्रमों की भी प्रस्तुतियाँ हुई। इस अवसर पर बच्चों को प्राचीन परंपराओं, योग, ध्यान एवं सांस्कृतिक विरासत के महत्व से भी परिचित कराया गया।
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