झाबुआ में शारदेय नवरात्रि की नवमी पर माताजी की 60 मीटर लंबी चुनरी यात्रा निकली, सैकड़ों माता भक्त अपने सिर पर चुनरी लेकर चले
मंदिर परिसर में मातृ शक्तियों ने खेले गरबे
झाबुआ। शारदेय नवरात्रि की नवमी पर 4 अक्टूबर, मंगलवार शाम 6.30 बजे शहर के मध्य राजवाड़ा से माताजी की भव्य चुनरी यात्रा निकाली गई। करीब 60 मीटर लंबी चुनरी सिर पर लेकर माता भक्त चले। यह यात्रा अपने निर्धारित मार्गों से होते हुए महाकालिका माता मंदिर पहुंचने पर यहां माताजी के चरणो में चुनरी अर्पण की गई। इस दौरान माता के दरबार में माता के जयकारे गूंजायमान हुए। मंदिर परिसर में मातृ शक्तियों ने गरबे खेले। उक्त आयोजन जिले के वरिष्ठ समाजजेवी अजय रामावत, अशोक शर्मा, संजयकुमार कांठी, देवेन्द्र पंचाल द्वारा किया गया। जिसमें विशेष सहयोग जितेन्द्र जैन ‘जैनिका साड़ी’’, अंकुष काठी, शंषाक संघवी, गोपाल सोनी, घनष्याम भाटी, अभिजीतसिंह बेस ‘अभिमन्यू’, हार्दिक अरोड़ा आदि का रहा। सर्वप्रथम राजवाड़ा स्थित श्री देवधर्म राज मंदिर में माताजी के प्रतिमा के सम्मुख चुनरी की पूजन की गई। बाद आगें मातृ शक्तियां अपने हाथों में चुनरी लिए और पीछे पुरूष वर्ग ने सहभागिता कर माता रानी के जयघोष के साथ यात्रा आरंभ हुई। जिसमें आगे बैंड-बाजे और पीछे ढोल-ताषों पर धार्मिक गीतों और भजनों के साथ सैकड़ों भक्तजन माताजी की चुनरी को सिर पर ओढ़े चले। मातृ शक्तियां निर्धारित ड्रेस कोड लाल वस्त्रों में अपने हाथों को मेहंदी से सजाकर सम्मिलित हुई।
आधा किमी लंबी रहीं यात्रा
पूरा आयोजन धार्मिक भावना से ओत-प्रोत रहा। यात्रा मार्ग राजवाड़ा से राधाकृष्ण मार्ग, रूनवाल बाजार, थांदला गेट, बाबेल चैराहा, आजाद चैक, श्री गौवर्धननाथ मंदिर तिराहा होते हुए नेहरू मार्ग स्थित प्राचीन श्री दक्षिणमुखी महाकालिका माता मंदिर पहुंची। इस बीच जगह-जगह विभिन्न संस्थाओं, समिति तथा समाजजनों ने भी चुनरी पर पुष्प वर्षा की।
माता के जयकारो के बीच चुनरी अर्पण की गई
महाकालिका माता मंदिर पहुंचने पर नवनीत कला मंडल द्वारा चुनरी पर पुष्प वर्षा कर सभी यात्रियों की आगवानी की गई। अंदर प्रवेश करने पर सभी ने जयकारो के साथ माताजी के चरणों में चुनरी अर्पण कर महाकालिका माता, मां अन्नपूर्णा एवं मां चामुंडाजी के दर्शन लाभ लिए। बाद ढोल पर मातृ शक्तियों ने मंदिर परिसर में गरबे खेले। उक्त आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न बनाने हेतु आयोजकों की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में शहर की सभी सामाजिक, धार्मिक, साहित्यिक, संास्कृतिक, रचनात्मक संस्थाओं के पदाधिकारी, समाजजनों और बड़ी संख्या में मातृ शक्तियों की सहभागिता रहीं।
आपकी राय