वीडियो - दशहरा पर कॉलेज मैदान पर हुआ 51 फ़ीट रावण का दहन
घने बादलो के बीच रावण दहन
झाबुआ : असत्य पर सत्य की जीत के पर्व विजयादशमी की शाम बुधवार को कॉलेज ग्राउंड मैदान पर 51 फीट के रावण का दहन किया गया। कालिका माता मंदिर परिसर से विजय जुलूस निकला । इसमें राम-लक्ष्मण और हनुमान का रूप धरे कलाकार शामिल रहे। जुलूस के मैदान में पहुंचते ही जय जय श्री राम और धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो के नारों से पूरा मैदान गूँज उठा. डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चलती आतिशबाज़ी ने पुरे शहर का माहौल रंगीन कर दिया।
नगरपालिका ने आतिशबाजी का कार्य कुक्षी के कलाकारों को दिया वही रावण का पुतला थांदला के कलाकारों से बनवाया । शाम 5:30 बजे से आतिशबाज़ी शुरू हुई जो रावण दहन के समय तक चलती रही। आसपास के हजारों वनवासियों के आयोजन में शामिल होने के चलते रावण के पुतले से 100 मीटर क्षेत्र में बेरिकेड्स लगाए गए।
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बसंत काॅलोनी स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर विजयी दशमी पर दुष्ट प्रवृत्तियों के दशानन का किया गया दहन
शहर के बसंत काॅलोनी स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर शारेदय नवरात्रि में नौ दिनों तक नवरात्रि भक्ति साधना का आयोजन चला। समापन पर विजयादशमी पर मंदिर परिसर में दुष्प्रवृत्तियों के दशानन का पुतला दहन किया गया। अंतिम दिन विशेष यज्ञ, हवन एवं कन्या भोज का भी आयोजन हुआ।
जानकारी देते हुए युग प्रवक्ता विनोदकुमार जायसवाल ने बताया कि आज देश-दुनिया में जो दुष्प्रवृत्तियां भ्रष्टाचार, नशाखोरी, मांसाहार, फैशन, दहेज, दिखावा आदि बुराईयां तेजी से व्याप्त हो रही है। जिसका पुतला बनाकर विजयादशमी पर 5 अक्टूबर, बुधवार को दोपहर ठीक 11 बजे मंदिर परिसर में दहन किया गया।
पुतला दहन सामाजिक महासंघ के जिलाध्यक्ष नीरजसिंह राठौर ने किया। इस दौरान उन्होंने अपने संक्षिप्त व्यक्तत्व में कहा कि आज जिस तरह जो सामाजिक बुराईयां तेजी से बढ़ रहीं है। सामाजिक महासंघ जिला झाबुआ उसी क्षेत्र में कार्य करते हुए सामाजिक समरसता और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देष्य से सत्त कार्य कर रहा है। आज समस्त हिन्दू समाज को जातियों और ऊंच-नीच में नहीं बंटकर एकजुट होने की नितांत आवष्यकता है।
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