झाबुआ के हाथीपावा पर नाबालिग के साथ हुए बलात्कार में परिजनों को अब तक नहीं मिला इंसाफ
मामा के राज में बालिकाएं है असुरक्षित
परिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगाए संदेह के आरोप
झाबुआ। जिले के गांव-कस्बों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ रहे है। ऐसी ही एक घटना विगत दिनों झाबुआ के हाथीपावा पहाड़ी पर घटित हुई। एक नाबालिग के साथ कुछ युवकों ने दुष्कर्म किया। बताया तो यहां तक जाता है कि तीन दिनों तक नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया। घटना के बाद पीड़ित बालिका एवं परिजन घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाने पुलिस थाने गए, पर उनकी एफआईआर नहीं लिखी गई। पीड़ित बालिका के परिजनों को पुलिस द्वारा रिपोर्ट नहीं करने के लिए दबाव बनाया गया। पुलिस ने परिजनों को के लिए काफी डराया धमकाया भी। तत्पश्चात परिजनों ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज करवाई। पीड़िता के परिजनों से सीएम हेल्पलाइन की शिकायत भी वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया।
पीड़ित के परिजनों की ओर से पैरवी करने वाले युवा एवं वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्रसिंह सोलंकी ने बताया कि पीड़िता नाबालिक है। उसका 4 लोगों ने अपहरण किया और बालिका को हाथीपावा टेकरी पर ले गए।
यह घटना विगत 29 जून की है। उसके बाद पीड़िता को बंधक बना कर रखा गया। एक व्यक्ति ने उसके साथ लगातार दुष्कर्म किया। बाद अगले दिन पीड़िता को गांव में छोड़कर भाग गए। पीड़िता ने फिर अपनी आपबीती परिजनों को सुनाई।
पुलिस थाने पर बरती गई लापरवाही
परिजन तत्काल रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए पीड़िता को लेकर पुलिस थाने पहुंचे, तो थाने वालों ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। काफी थाने के चक्कर काटने के बाद भी एफआर दर्ज नहीं की गई। उसके पश्चात विगत 4 जुलाई को परिजनों की ओर से पुलिस अधीक्षक को शिकायती आवेदन दिया गया। जिसमें बताया गया कि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रहीं है। उसके पश्चात भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो 6 जुलाई को सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई गई। जिसके बाद पीड़िता के पिता को बुलाया गया। बाद पीड़िता को भी बुलाया गया। सुबह 10 बजे से लेकर शाम तक थाने पर बिठाने के बावजूद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। पीड़िता का परिवार फिर अधिवक्ता के पास लौटकर आया, फिर अधिवक्ता के पास जाकर फिर से सीएम हेल्पलाइन पर पुलिस के दुर्व्यवहार के शिकायत शिकायत की गई।
मीडिया के मामला उजागर होने के बाद एक्शन में आई पुलिस
मीडिया में खबर का भूचाल आने के बाद 11 जुलाई, सोमवार को फिर पुलिस थाने वालों ने बुलाकर सभी आरोपों पर एफआई आर दर्ज कर ली गई। पीड़िता ने बताया कि पुलिस थाने पर उनसे कहा गया कि एक आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करेंगे, बाकी के खिलाफ नहीं करेंगे। बाकी के आरोपियों को पुलिस द्वारा बचाने का प्रयास किया जा रहा है, किन्तु मीडिया में मामला आने के बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर चारों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
इनका कहना है- आरोपियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। पीड़िता का मेडिकल करवाया गया है। आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।संजय रावत, थाना प्रभारी झाबुआ।
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