पैटीएम चलाने वाले हो जाईए सावधान ... ! बिना भुगतान किए पै-टीम से गायब हुई करीब 10 हजार रू. राशि, जिले में तेजी से बढ़ रहा सायबर क्राईम
झाबुआ। जिले में सायबर के माध्यम से होने वाले अपराधो और फर्जीवाडे में तेजी से वृद्धि हो रहीहै। इस तरह के अपराधों पर शिकंजा कसने में जिले में गठित सायबर विभाग एवं पुलिस विभाग पूरी तरह से निष्क्रीय साबित हो रहा है। सायबर के माध्यम से पैसों के लेफट होने की घटना में जिले में पिछले कुछ दिनो में काफी वृद्धि हुई है। ताजा मामला शहर के सिद्धेश्वर कॉलोनी निवासी श्रीमती श्रद्धा जैन का सामने आया है। जिसमें श्रीमती जैन के पेटीएम खाते से अचानक से चार अलग-अलग राशि न्यूयार्क की किसी कंपनी कामातेरा के खाते में जमा होने के मैसेज उन्हें मोबाईल पर प्राप्त हुआ है। यह राशि श्रीमती जैन को बिना सूचना एवं मोबाईल पर ओटीपी आए बिन डेबिट हो गए।
15 अप्रेल, शुक्रवार को शाम 4 बजकर 9 मिनिट पर चार अलग-अलग टुकडो में एक ही मिनिट के अंतराल में क्रमशः 88, 2,220, 296 एवं 7,402 रू. निकाल लिए गए। इस प्रकार कुल साढ़े 9 से 10 हजार रू. ठगी की गई है। इस तरह की यह पहली घटना नहीं है, इससे पूर्व भी जिले में कई लोगों के साथ इस तरह से मोबाईल पर पेटीएम बैंक से राशि निकालने के मामने सामने आ चुके है। जिले में सायबर क्राईम तेजी से फल-फूल रहा है और इसके शिकंजे में आकर लोग ठगी का शिकार हो रहे है। इस तरह की लगतार बढ़ रहीं घटना से लोगो में एक ओर जहां भय का माहौल है वहीं उनमें सायबर विभाग एवं पुलिस विभाग की निष्क्रीयता को लेकर तीव्र आक्रोश भी है। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने से जिले में लोगों में भय का वातावरण ओर अधिक बढ़ गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग होते है अधिक शिकार
ज्ञातव्य रहे कि यह जिला आदिवासी बाहुल होने से अक्सर भोले-भाले ग्रामीणजनो के बैंक खातों से पैसे गायब होने की जानकारी सामने आती रहती है। कई बार ग्रामीणजनो को मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से तरह-तरह की स्कीम बताकर भी उनसे संबंधित व्यक्ति के खातों पर पैसे जमा करवाकर ठगी की जाती है। ऐसे में जिले में गठित सायबर विभाग एवं पुलिस विभाग को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में कमी लाने के लिए इस तरह का कृत्य करने वाले लोजो पर सख्ती से कार्रवाई करने के साथ इस तरह के अपराधो में कमी लाए।
- इस संबंध में आवेदन देने पर हमारे द्वारा जांच कर पता लगाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
महेशकुमार, सायबर शाखा, झाबुआ
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