असली सोने का बिस्कीट बताकर धोखाधड़ी कर नकली सोने का बिस्कीट बेचने वाले आरोपी झाबुआ पुलिस गिरफ्त में
थाना कोतवाली में धारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
घटना का विवरण :- फरियादी कीडु ने बताया कि दिनांक 31.03.2021 की शाम को वह व उसका दोस्त दीवान, गुर्जर ढाबे पर बैठे थे कि शाम करीब 06:00 बजे एक स्वीफ्ट कार क्रं. GJ-06-PB-4147 आकर रूकी और उसमें से दो व्यक्ति 01. जैसाभाई पिता राधाभाई रबारी निवासी भाद्रोही जिला कच्छ गुजरात एवं 02. इमरान पिता कालु भाई शेख निवासी कडीयावर कालोनी बालासिंदूर जिला महीसागर उतरे और फरियादी को अपने पास बुलाकर बोले के उसके पास सोने के बिस्कीट है, एक बिस्कीट सस्ते में 15,000/-रू. में दे दुंगा। लालच में आकर फरियादी ने 15,000/-रू. देकर बिस्कीट ले लिया। उनके पास 08 ओर सोने के बिस्कीट बेचने की बात कहीं तो फरियादी को शंका होने पर उस बिस्कीट को सोनी के पास ले जाकर जांच कराई तो वह बिस्कीट नकली होना पाया गया। उक्त सूचना मिलने पर तत्काल थाना कोतवाली में धारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
असली सोने का बिस्कीट बताकर नकली सोने का बिस्कीट 15,000/-रू. में बेचने की घटना की सूचना मिलते ही थाना कोवताली की पुलिस टीम द्वारा तत्काल अलर्ट जारी कर उक्त आरोपियों को पकड़ने हेतु लगाया गया। ये दोनों बदमाश अन्य लोगो के साथ नकली सोना बेचने की धोखाधड़ी ना कर दे इसलिये इन्हे जल्द से जल्द पुलिस गिरफ्त में लेना बहुत जरूरी था। उक्त आरोपी आसपास ही स्वीफ्ट कार क्रं. GJ-06-PB-4147 से घुमने की सूचना मिली। जिस पर थाना कोतवाली की पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए दोनों आरोपियों को पुलिस गिरफ्त में लिया गया। उनके कब्जे से 08 नकली सोने के बिस्कीट एवं स्वीफ्ट कार जप्त की गई।
आरोपियों के नाम :-
- जैसाभाई पिता राधाभाई रबारी निवासी भाद्रोही जिला कच्छ गुजरात
- इमरान पिता कालु भाई शेख निवासी कडीयावर कालोनी बालासिंदूर जिला महीसागर
जप्त सामग्री :-
- 09 सोने के नकली बिस्कीट (08 आरोपियों से, 01 फरियादी से जप्त)
- स्वीफ्ट कार क्रं. GJ-06-PB-4147 किमती 4,00,000/-रू.
- 04 मोबाईल किमती 13,000/-रू.
- नगदी 4,500/-रू.
सराहनीय कार्य में योगदान :-
उक्त घटना का खुलासा करने में थाना प्रभारी कोतवाली निरी. सुरेन्द्र सिंह गाडरिया, उनि श्याम कुमावत, एसआई जगदीश नायक, प्रआर. महेन्द्र, आरक्षक 52 भैरव, आरक्षक चालक आशीष का सराहनीय योगदान रहा।
आपकी राय