गायत्री शक्तिपीठ कॉलेज मार्ग झाबुआ से निकाली गई भव्य कलश यात्रा, शक्तिपीठ परिसर में मातृ शक्तियों का सम्मान के साथ कन्या भोज एवं प्रसादी का हुआ आयोजन

  • 4 फरवरी को शिव मृत्युंजय महामंत्र और गायत्री महामंत्र के अखंड जाप एवं शाम को दीप यज्ञ का होगा आयोजन 
  • 5 फरवरी को स्फटिक महांकाल का महाभिषेक, सरस्वती पूजन एवं विभिन्न संस्कार होंगे संपन्न 
झाबुआ। शहर के कॉलेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर प्रतिवर्षानुसार की तरह इस वर्ष 50वां बसंतोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत गायत्री शक्तिपीठ पर त्रि-दिवसीय उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसके प्रथम दिन 3 फरवरी, गुरूवार को दोपहर में मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः मंदिर पर पहुंची। जहां मंदिर परिसर में मातृ शक्तियांे का सम्मान कार्यक्रम के साथ कन्या भोज (प्रसादी) का आयोजन रखा गया है। जानकारी देते हुए नारी जागरण अभियान की जिला संयोजिका श्रीमती नलिनी बैरागी ने बताया कि 3 फरवरी, गुरूवार को दोपहर करीब 1 बजे मंदिर से निकाली गई। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाएं अपने सिर पर कलश लेकर सम्मिलित हुई। इसके पीछे गायत्री परिवार के महिला-पुरूष वेद माता गायत्री एवं गुरूदेव के जयघोष लगाते हुए सम्मिलित हुए। कलश यात्रा के माध्यम से मां गायत्री और गुरूदेव पं. श्री राम शर्मा आचार्यजी से देश और विश्व में शांति और खुशहाली हेतु प्रार्थना की गई। कलश यात्रा शहर के कॉलेज मार्ग, खोड़ियार माता मंदिर, रानापुर रोड़ से होते हुए पुनः मंदिर पर पहुंची। जहां समाज के कार्यों में सहयोग देने वाली एवं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली मातृ शक्तियों का अभिनंदन कर अंत में सभी के लिए सामूहिक भोज का आयोजन रखा गया। 
अखंड जाप के साथ शाम का होगा दीप यज्ञ 
गायत्री परिवार के जिला समन्वयक पं. घनश्यामदास बैरागी ने बताया कि 4 फरवरी, शुक्रवार को सुबह 6 बजे से मंदिर परिसर में शिव मृत्युंजय महामंत्र एवं गायत्री महामंत्र के अखंड जाप होंगे। जिसमें कोविड के चलते क्रमवार गायत्री परिवार के महिला-पुरूष और युवा शामिल होकर जाप करंेगे। शाम को दीप यज्ञ कर भजन-किर्तन आदि किए जाएंगे। 
बसंती पंचमी एवं गुरूदेव श्री राम शर्मा आचार्यजी का अवतरण दिवस मनाएंगे
 5 फरवरी, शनिवार को बसंती पंचमी एवं गुरूदेव पं. श्री राम शर्मा आचार्यजी 113वां आध्यात्मिक अवतरण दिवस मनाया जाएगा। इस उपलक्ष में सुबह स्फटिक महांकाल का महाभिषेक पश्चात् सरस्वती पूजन और गुरूदेव पं. श्री राम आचार्यजी की पूजन कर इस दौरान विभिन्न संस्कार भी संपन्न होंगे। मुख्य रूप से महिलाओं के गर्भोत्सव संस्कार संपन्न करवाए जाएंगे। शाम 7.30 बजे महाआरती कर प्रसादी का वितरण होगा। बसंती पंचमी एवं गुरूदेव का अवतरण दिवस होने से दिनभर मंदिर में वेद माता गायत्री, अष्टभुजा दुर्गाजी, मां सरस्वीतीजी, गुरूदेव पं. श्री राम शर्मा आचार्य, वंदनीय माता भगवती देवी शर्मा के साथ समीप स्फटिक महांकाल के भी दर्शन-पूजन हेतु दिनभर भीड़ लगी रहेगी। यह प्रदान कर रहे विशेष सहयोग 
तीन दिवसीय आयोजन को सफल बनाने में विशेष सहयोग गायत्री परिवार की महिलाओं में श्रीमती मनोरमा डावर, प्रेमलता शुक्ला, विजया बजाज, निर्मला गोयल, हरिप्रिया निगम, स्मृति भट्ट, रीना शर्मा, कृष्णा शर्मा, मंजु हाड़ा, ललिता वर्मा, पुरूषांे में प्रकाश डावर, सुरेश निगम, केके वर्मा, केके शर्मा, यशवंत व्यास, वेदांत बैरागी आदि प्रदान कर रहे है।



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