स्वतंत्रता संग्राम सेनानी टंट्या मामा के स्मृति दिवस पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर कांग्रेसजनों ने किया नमन
भारत भूमि के गौरव थे टंट्या मामा और हमेशा रहेंगे - कांतिलाल भूरिया
झाबुआ। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतीकारी वीर शहीद मामा टंट्या भील के शहादत दिवस के अवसर पर कांग्रेसजनों ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया की उपस्थिति में आज स्थानीय बस स्टेण्ड के पास स्थित मामा टंट्य भील की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दिप प्रज्जवलित कर महानायक का स्मरण किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने भी बारी-बारी से उन्हें पुष्प अर्पित कर अपनी-अपनी पुष्पांजली अर्पित की । विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा कि आज भी बहुत से घरों में मामा टंट्या भील की पूजा की जाती है। टंट्या भील को आलोकिक शक्ति प्राप्त थी, इन शक्तियों इशारे टंट्या भील गरीब एवं आदिवासीयों की सेवा करते थे, उन्हें आज भी लोग देवता के रूप में पूजते हैं। गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले जननायक टंट्या भील ने ब्रिटिश हुकुमत द्वारा ग्रामीण आदिवासी जनता के साथ शोषण और उनके मौलिक अधिकारों के साथ हो रहे अन्याय अत्याचार की खिलाफती स्वयं प्रताड़ित अंग्रेजों सत्ता ने जननायक टंट्या मामा को ‘‘ईडियन रॉबिनहुड ‘‘ का खिताब दिया। वे भारत भूमि के गौरव थे टंट्या मामा और हमेशा रहेंगे।
मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले की पंधाना तहसील के बड़दा गांव में सन 1842 में टंट्या का जन्म हुआ था, उन्होंने लाटी, गोफन धर्नुविद्या में दक्षता हासिल की एवं लाठी चलाने और गोफन कला में भी महार्थ प्राप्त की थी। उन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। उनके बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा। इस अवसर पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव सक्सेना, कांग्रेस पदाधिकारी आशिष भूरिया, एनएसयूआई जिला अध्यक्ष विनय भाबर आदि ने भी टंट्या मामा को स्मरण करते हुए उन्हें आदिवासी एवं गरीबों का मसीहा बताया एवं उनके जीवन पर अपने-अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन विजय भाबर ने किया एवं आभार पार्षद हेमेन्द्र कटारा ने माना इस अवसर पर कल्याणपुरा उप ब्लाॅक अध्यक्ष शंकरसिंह भूरिया, कांग्रेस नेता दिलिप भूरिया, भारू मावी, दिपू डोडियार , जितेन्द्र शाह, मांजू भूरिया, किलू भूरिया, महेश डामोर, अश्विन मेड़ा आदि कांग्रेसजन विशेष रूप स उपस्थित थें।
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