झाबुआ की गोपाल कॉलोनी में फेल सकता है कोरोना, रेड जोन से बिना जाँच के पंहुचा युवक
उज्जैन कोरोना हॉटस्पॉट है और उज्जैन रेड जोन में आता है वहां से यह व्यक्ति किसी बस या अन्य प्रशासन द्वारा की व्यवस्था से नहीं बल्कि खुद की एक्टिवा से झाबुआ आया है, और इसकी जांच कहीं भी नहीं हुई है.
झाबुआ। कल झाबुआ में कोरोना पॉजिटिव पेशेंट की पुष्टि हो गई. आज झाबुआ की सड़कें खाली है बाजार खाली है लॉकडाउन खुला हुआ है लेकिन उसके बावजूद लोग सुरक्षा की दृष्टि से घरों के बाहर नहीं निकल रहे हैं. हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन जिसके भरोसे आप और हम आज सब लोग हैं डॉक्टर जिनके भरोसे आज हम हैं और वह पूरा एडमिन्सट्रेशन जो कि कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में एड़ीचोटी का जोर लगा रहा है उसकी एक बड़ी खामी झाबुआ में सामने आई है. स्थानीय गोपाल कॉलोनी गोपाल मंदिर के ठीक पास में एक किराए के मकान में रहने वाला व्यक्ति जो कि कल शाम को उज्जैन से आया है। यह जानते हुए की उज्जैन कोरोना हॉटस्पॉट है और उज्जैन रेड जोन में आता है वहां से यह व्यक्ति किसी बस या अन्य प्रशासन द्वारा की व्यवस्था से नहीं बल्कि खुद की एक्टिवा से झाबुआ आया है, और इसकी जांच कहीं भी नहीं हुई है.
यहां पर आने के बाद में जब इसकी सूचना उस मोहल्ले के लोगों को मिली तो वह निश्चित तौर पर दहशत में आ गए. अस्पताल में जब इसकी सुचना दी गयी तो बोला गया कि आप मीडिया द्वारा उसका नंबर प्राप्त करके हमें दें. जनता की सुरक्षा के मद्देनजर मीडिया के प्रतिनिधियों ने इसकी सूचना जब हॉस्पिटल प्रशासन को दी तब से लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आपको बता दे की यह व्यक्ति सुबह में गोपाल मंदिर गया , जहाँ पर उसने पूजा दर्शन के साथ ही दरवाज़े एवं अन्य कई वस्तुओ को स्पर्श किया होगा। वर्तमान में उक्त व्यक्ति के घर पर फ़िलहाल ताला लगा है. हो सकता है कि वह बाजार में मौजूद हो या हो सकता है कि जिस सरकारी ऑफिस में वह काम करता है वहां मौजूद है। यह व्यक्ति बसंत कॉलोनी स्थित प्रधानमंत्री सड़क योजना नामक किसी ऑफिस में कार्यरत है और इसकी प्राथमिक जांच भी नहीं हुई है जबकि होना यह चाहिए कि व्यक्ति की खुद की यह नैतिक जिम्मेदारी समझकर और समाज के प्रति अपना उत्तरदायित्व समझ कर अपने आप को कोरोंटाइन रखना चाहिए था और स्वास्थ विभाग को अपने आने की सूचना देनी चाहिए थी. अपना सैंपल जांच के लिए भेजना चाहिए था और किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल यानी कि मंदिर या नगर में बाजार या कई अन्य जगह पर घर छोड़कर नहीं जाना चाहिए था.
हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि यह व्यक्ति कोरोना नेगेटिव हो लेकिन ईश्वर न करे अगर यह पॉजिटिव निकलता है तो सीधे-सीधे उसकी जिम्मेदारी किसकी होनी चाहिए, यह जनता और समाज खुद तय करें। क्या यह प्रशासन की एक बड़ी चूक नहीं है क्या एक जिम्मेदार हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी नहीं बनती थी की सूचित किये जाने के बाद तत्काल एक अमला भेजा जाए और ऐसे व्यक्ति को फौरन कोरोंटाइन किया जाए, जबकि यह मालूम है कि यह व्यक्ति रेड जोन से आ रहा है और यह हाई अलर्ट की जगह से आ रहा है और झाबुआ में बड़े पैमाने पर इसके द्वारा संक्रमण पैदा किया जा सकता है. लगातार हमारे द्वारा हॉस्पिटल में फोन किए जाने के बाद भी ना कोई संतोषजनक अभी तक जवाब दिया गया है और ना कोई भी अधिकारी उस व्यक्ति की तलाश में अभी तक आया है.
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