प्रदेश मे इमरजेंसी जैेसे हालात पैेदा कर दिये प्रदेश सरकार ने

प्रेसवार्ता कर बदले के भावना से की गई प्राथमिकी के बारें में बताया सांसद ने.

बदले की भावना के साथ काम कर रहा जिला प्रशासन

झाबुआ। भारत में नागरिकता संशोधन कानून 12 दिसम्बर को बनाया गया जिसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान में रहने वालेे सिक्ख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी, हिन्दु अल्पसंख्यक होकर धर्म के आधार पर प्रताडित होने के चलते जो 31 दिसम्बर 2014 को भारत मे शरणार्थी बन कर आये उन्हे भारत में नागरिकता प्रदान करने का उक्त कानून में प्रावधान किया गया। इन 6 वर्ग के प्रताडित शरणार्थियों को इस देश की नागरिकता देकर सम्मान दिया जाना ही मुख्य उद्देश्य रहा है। हमारे देश में 1955 में नागरिकता कानून बना होकर इसके तहत पूर्व में युगांडा, श्रीलंका आदि के शरणार्थियों को पूर्व में भी अलग अलग समय पर नागरिकता दी गई है। नागरिकता संशोघन विधेयक बनने के बाद वर्ग विशेष के लोगों को कतिपय राजनैतिक दलों द्वारा भडकाया जाकर देश में आगजनी एवं अशांति पैदा करने की कोशिशे की गई है । भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इस कानून जिसके द्वारा नागरिकता दिये जाने का प्रावधान है, किसी की नागरिकता छिनने का नही है के बारे में घर घर जाकर जन जागृति के तहत समझाने एवं जानकारी देने का काम किया जारहा है। उक्त बात गुरूवार को सांसद कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दोैरान रतलाम, झाबुआ आलीराजपुर के सांसद गुमानसिंह डामोर ने कहीं ।
      श्री डामोर ने कहा कि 7 जनवरी को झाबुआ जिला मुख्यालय पर भारत सुरक्षा मंच, एवं भारत के नागरिक मंच के अन्तर्गत  जिले भर के लोगों ने इस कानून के समर्थन में रैली निकालने के लिये  निर्धारित समय के पूर्वही रैली के लिये  जिला प्रशासन को आवेदन देकर अनुमति का पत्र दे दिया गया था। श्री डामोर ने कहा कि 7 जनवरी को मैने स्वयं कलेक्टर झाबुआ से रैली की अनुमति के लिये चर्चा की तो उन्होने अनुमति दिये जाने के बारे में बताया था किन्तु एसडीएम ने बताया कि रेली निकालने की अनुमति नही दी जायेगी। रैली की तिथि को करीब 10 हजार से अधिक लोग, महिलाये बच्चे उत्कृष्ठ मेदान पर समर्थन रैली के पहूंच चुके थे। हमने कलेक्टर से यह भी अनुरोध किया था कि यदि रैली निकालने की अनुमति नही देते है तो कृप्या हमे सभा करके तथा यही पर ज्ञापन देने के लिये अनुमति दी जावे। किन्तु रेली समय तक रैली के लिये अनुमति के अभाव में हमने लोगों से शांति पूर्वक रैली निकाल कर तथा कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौपने का निश्चय किया तथा नगर में बिना किसी हुडदंग के शांतिपूर्वक अनुशासित रैली निकाली गई तथा कलेक्टर को ज्ञापन सोपा गया। इस दोरान नगर मे पुरी तरह शांति बनी रही । श्री डामोर ने आगे कहा कि सायंकाल मेरे सहित 61 अन्य लोगों  के अतिरिक्त 300 से अधिक लोगों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा धारा 144 तोडने का आरोप लगा कर एफआईआर दज्र कर दी गई ।
    सांसद गुमानसिंह डामोर के अनुसार 18-29 दिसम्बर से जिले में प्रशासन ने धारा 144 लगा रखी है जिसके तहत 5 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाती है । इस धारा मे पुष्ट जानकारी हो कि समाज में अशांति, हुडदंग, आदि की संभावना हो तो उसे देखते हुए इस धारा को लगाया जाता है। श्री डामोर ने कहा कि झाबुआ के इतिहास में अभी तक धार्मिक, या सामाजिक आधार पर ऐसा कभी नही हुआ है तथा कर्फ्यू लगाने की नौबत आई हो। इस तरह जिला प्रशासन का यह कदम पूरी तरह हास्यास्पद होने साथ ही कानून के साथ खिलवाड भी है । श्री डामोर ने आगे कहा कि यहा पर 25 दिसम्बर को तीन दिनों तक क्रिसमस पर्व का मेला आयोजित हुआ जिसमें 50 हजार से अधिक लोग एकत्रित हुए थे। 27 दिसम्बर को हुडा क्षेत्र से नमाज के बाद 400-500 लोग एकत्रित होकर इस सीसीए कानून के विरोध में ज्ञापन देने जा रहे थे तब जिला प्रशासन स्वयं राजवाडा चौक पहूंच कर वहां उनसे ज्ञापन लिया। 7 जनवरी को रानापुर में कांग्रेस का रानापुर में सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें 2000 लोग एकत्रित हुए वही 8 जनवरी से गोपाल मंदिर के जुलुस में सैकडो लोगों की उपस्थिति रही तो फिर धारा 144 का उल्लंघन नही हुआ क्या ?
       श्री डामोर ने आगे कहा कि यदि इन कार्यक्रमों के लिये यदि प्रशासन ने अनुमति दी थी तो उनकी शर्ते क्या थी ? उसकी प्रतिलिपि हमे दी जावे या इसका जवाब दिया जावे। उन्होने आगे कहा कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी सीसीए के समर्थन में रैली निकालने की अनुमति मिली है। जबकि भोपाल में अल्पसंख्यक वर्ग के लोग भी अधिक तादाद में रहते है। तो फिर झाबुआ में सीसीए के समर्थन मे रैली निकालने की अनुमति क्यों नही दी गई ? मेैने प्रशासन से पुछा है कि यदि राज्य सरकार ने प्रशासन  को राष्ट्रभक्तो के संगठन या भाजपा  जो राष्ट्र के लिये प्राण न्यौछावर करने को तत्पर रहते है, को अनुमति नही देने के निर्देश तो नही दिये है । उन्होने कहा कि भाजपा के हर कार्यकर्ता के प्रति शासन प्रशासन ने ऐसा ही मानस बना लिया है। और पूरे प्रदेश में इमरजेंसी जेसे हालात निर्मित किये जा रहे है। इस कदम को मीनी इमरजेंसी कहे तो अतिशयोक्ति नही होगी। क्यो भाजपा के कार्यकर्ताओं पर द्वेष भावना के साथ प्रशासन स्तर से कार्यवाही हो रही है ।
     श्री डामोर ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करने के कदम का भाजपा ने भी पुरजोर समर्थन किया है । किन्तु झाबुआ के किशनपुरी  में प्रधानमंत्री आवास तथा गरीबो के झोपडे तोड कर प्रशासन ने बहादुरी दिखाने का काम किया है। श्री डामोर ने प्रतिप्रश्न किया कि क्या ये गरीब भू माफीया थे ? उन्होने कहा कि प्रशासन सडक से 52 फीट जमीन हाईवे पर तोडे जाने की बात करता है। किन्तु गोपाल कालोनी में मुख्य हाईवे से 5 फिट की दुरी पर वरदान हास्पीटल को क्यो बक्शा गया ? उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य सरकार इस तरह की भेदभाव पूर्ण नीति को बंद करे। हम लोगों  पर हजार एफआईआर दर्ज करे तो तो हमे कोई फर्क नही पडता है । हमारा लक्ष्य ही देशवासियो को आंच नही आने का ही रहेगा ।
      श्री डामोर ने  बताया कि यहां का प्रशासन दोहरा रवैया अपना रहा है। पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की सेवायें चरमरा रही है। पूरे जिले में शिक्षकों के पद रिक्त है। आंगनवाडियों के भवन तक नही बन रहे है । झाबुआ जिले में  अवैध शराब की नदिया बह रही है। घर घर पर खुले आसमान के नीचे अवैध शराब बिक रही है । जिला प्रशासन में यदि हिम्मत नही है कि उनके गिरेबान मे हाथ डाले क्यो यह सब कुछ पार्टी विशेष के लोग है तथा प्रशासन इन्हे सहयोग कर रहा है। सांसद डामोर ने कहा कि जिले में अवेध रेत खनन जोर शोर से हो रहा है । झाबुआ चाहे स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र मे प्रदेश में पिछे हो किन्तु अवैध शराब एवं अवैध रेत खनन में प्रदेश में अग्रणी है। किसानों को जिले में किसानों के 2 लाख तक ऋण माफ नही हुए है, किसानों का यूरिया नही मिल रही है, गांव गांव मे बिजली की किल्लत है और राज्य की कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल हो रही है। श्री डामोर ने कहा कि 2018 में कांग्रेस ने झुठ बोल कर प्रदेश मे सरकार बनाई है । 2 लाख तक के कर्जे माफ नही हुए, बिजली के बिल हाफ नही हुए, बेराजगारों को भत्ता नही मिला, आज किसानों की सुनने वाला प्रदेश में कोई नही है।  उन्होने सरकार एवं प्रशासन को सचेत किया कि सरकार बदले की भावना से काम करना बंद करें।  उन्होने कहा कि हम नागरिकता संशोधन कानून के लिये काम करते रहेगें। तथा इन सभी मुद्दो को वे संसद में भी निश्चित तौर पर उठायेगें ।
इसके  पूर्व जिला भाजपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने मीडिया का स्वागत किया । प्रेस वार्ता में  अजय पोरवाल, ओपी राय, सुरेश चौहान भूरू, विजय चौहान, अंकुर पाठक, नाना राठौर, बबलु सकलेचा, मनोहर मोदी, मनोज अरोडा, राजेन्द्र सोनी, दिनेश अमलियार सहित बडी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

Jhabua News- प्रदेश मे इमरजेंसी जैेसे हालात पैेदा कर दिये प्रदेश सरकार ने- सांसद गुमानसिंह डामोर

प्रदेश मे इमरजेंसी जैेसे हालात पैेदा कर दिये प्रदेश सरकार ने- सांसद गुमानसिंह डामोर
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