भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव पर थिरके भक्त
भागवत कथा में गुरूवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धुमधाम से मनाया गया ।
मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते है- पण्डित अनुपानंद जी
झाबुआ। श्री पदम वंशीय मेवाडा राठौर तेली समाज द्वारा स्थानीय राठौड धर्मशाला में चल रही भागवत कथा में गुरूवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धुमधाम से मनाया गया । भागवत कथा में गुरूवार को श्री कृष्ण का जन्मोत्सव पर पुरा वातावरण मथुरा गोकुल जैेसा हो गया । भगवान श्री कृष्ण का जन्म होते ही भक्त जमकर झूमे। व्यास पीठ पर बिराजित भागवताचार्य पण्डित अनुपानंद जी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। उन्होने अपनी अलग ही मधुर शैली में संगीत के साथ कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गये। पहरेदार सो गये। वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं।
भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन पर भक्त जमकर झूमे। पण्डित अनुपानंद ने कहा कि वासुदेव के हाथ से कन्या रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है। भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की ओर लौट गया। उधर नंद बाबा के यहां बधाइयों को तांता लग गया। भक्तों ने भगवान का जन्मोत्सव धूम-धाम के साथ मनाया व भजनों पर ठुमके लगाये।
भागवत कथा में प्रतिदिन भक्तिरस की गंगा प्रवाहित हो रही है। श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर रानापुर निवासी मयूर राठौर के नन्हे पुत्र को कृष्ण बनाया गया । नन्द घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की हाथी घोडा पालकी जय कन्हैयालाल के गगनभेदी उदघोष से पूरा माहौल कृष्ण मय हो गया । इस अवसर पर आरती का लाभ श्रीमती लीलाबाई फकीरचंद राठौर ने लिया ।
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