डॉ रामशंकर चंचल का कृतित्व भाग-1 और भाग-2 का विमोचन
शासन द्वारा प्राथमिक माध्यमिक शाला और ग्रामीण वाचनालयओ द्वारा चयनित आप की कृतियों की सूची, फिजी विश्व हिंदी सम्मेलन आमंत्रण आदि सैकड़ों उपलब्धियों को दर्शाता है यह एलबम.
झाबुआ। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के बैनर तले हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर प्रख्यात साहित्यकार डॉ रामशंकर चंचल के ताजा एलबम "डॉ चंचल का कृतित्व भाग-1 और 2" का विमोचन मां निवास गोपाल कॉलोनी में सर्वश्री गोपाल मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री पी.एल परमार , शासकीय महाविद्यालय झाबुआ प्रोफेसर गीता दुबे, डॉ. अंजना मुवेल, सेवा निवृत्त प्राचार्य सतीश भट्ट, श्री एच.के. पाठक , गैल प्राचार्य जे.पी. बोहारे, गोपाल कॉलोनी ट्रस्ट श्री भगवती शाह , समाजसेवी कीर्तिश भावसार, युवा कवि अर्पित भावसार, श्री जितेंद्र शाह, मनीष त्रिवेदी,श्रीमति उषा त्रिवेदी आदि के कर कमलों से संपन्न हुआ।
' डॉ चंचल का कृतित्व भाग-1' एलबम डॉक्टर चंचल की प्रकाशित मौलिक कृतियों के आवरण पृष्ठ और कृतियों की प्रमुख रचना का सारांश लिए हुए हैं। बेहद खूबसूरत रंगीन लेमिनेशन युक्त एलबम डॉक्टर चंचल के विराट अद्भुत साहित्य की रचनात्मकता का परिचय करवाता है । काली, बड़ा आदमी ,चर्चित कविताएं अर्धनग्न, तुम्हारी मुस्कुराहट आदि कृतियां शामिल है गद्य पद्य दोनों का विराट साहित्य संसार इसमें समाहित है। 'डॉक्टर चंचल का कृतित्व भाग-2' डॉक्टर चंचल की अनेक पाठ्य पुस्तकों, संपादित कृतियां, आप पर लिखे शोध ग्रंथ , अनुवादित रचनाएं आदि के आवरण पृष्ठ के साथ कक्षा 6 से बीए, एम.ए के पाठ्यक्रमों में देश-विदेश में पढ़ी जाने वाली आप की कविताएं कहानी और आलेख इस एलबम में समाहित है।
शासन द्वारा प्राथमिक माध्यमिक शाला और ग्रामीण वाचनालयओ द्वारा चयनित आप की कृतियों की सूची, फिजी विश्व हिंदी सम्मेलन आमंत्रण आदि सैकड़ों उपलब्धियों को दर्शाता है यह एलबम जिसे देख सचमुच गर्व होता है डॉक्टर चंचल की राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों पर केंद्रित है। सहज सरल व्यक्तित्व के धनी डॉक्टर चंचल की रचनाएं समाज को सही दिशा ज्ञान दे प्रेरित करती है आपके पास उपलब्धियों का अथाह सागर है, जो बहुत कम लोगों को नसीब होता है शहर के इस सरस्वती पुत्र पर हम सब को नाज है। उपस्थित सभी अतिथियों ने डॉक्टर चंचल को बधाई शुभकामना देते कहा कि 40 वर्षों से सतत साहित्य साधना में लगे डॉक्टर चंचल साहित्य के क्षेत्र में झाबुआ के पर्यायवाची बन गए हैं हमें जिले और प्रदेश को इस शख्सियत पर गर्व है। अंत में परिषद् के अध्यक्ष भेरूसिंह चौहान ने सभी का आभार प्रकट किया ।
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