झाबुआ का राजा : आरती बाद निकला महा-विसर्जन चल समारोह
अनंत चर्तुदशी पर दोपहर 1 बजे बाप्पा की विदाई आरती बाद कस्तूरबा मार्ग से डीजे और ढोल के साथ विसर्जन चल समारोह आरंभ हुआ।
अनास नदी पर क्रेन से शहर की सबसे बड़ी गणेशजी की प्रतिमा का हुआ विसर्जन
झाबुआ। शहर के कस्तूरबा मार्ग में विराजमान झाबुआ के राजा (सबसे बड़ी गणेशजी की प्रतिमा) का 12 सितंबर, गुरूवार को दोपहर 1.30 बजे चल समारोह निकालकर रंगपुरा स्थित अनास नदी पर क्रेन की मद्द से भव्य प्रतिमा का विसर्जन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
10 दिवसीय गणेशोत्सव पर्व के तहत झाबुआ का राजा ग्रुप द्वारा प्रतिवर्ष बड़ौदा (गुजरात) से गजाजनजी की भव्य प्रतिमा तैयार बुलवाई जाती है और 10 दिनों तक प्रतिमा को कस्तूरबा मार्ग में विराजमान कर रात्रि में महाआरती कर महा-प्रसादी का वितरण किया गया। अंतिम दिन 12 सितंबर को अनंत चर्तुदशी पर दोपहर 1 बजे बाप्पा की विदाई आरती बाद कस्तूरबा मार्ग से डीजे और ढोल के साथ विसर्जन चल समारोह आरंभ हुआ। डीजे पर धार्मिक भजन एवं बाप्पा के विदाई गीत प्रस्तुत किए। इसके पीछे जेकेआर ग्रुप के सभी सदस्य एक जैसी वेशभूषा में कुर्ता-पजामा एवं सिर पर सफेद टोपी पहनकर चले। सबसे पीछे ट्रेक्टर में झाबुआ के महाराजा की प्रतिमा विराजमान रहीं।
रंगपुरा नदी पर हुआ महा-विसर्जन संपन्न
यह चल समारोह शहर के श्री गोवर्धननाथ मंदिर तिराहा, आजाद चौक, बाबेल चौराहा, थांदला गेट, मेन बाजार, बस स्टेंड गांधी चौक, जिला चिकित्सालय मार्ग, चेतन्य मार्ग, दिलीप गेट, मेघनगर नाका होते हुए देर शाम तक रंगपुरा अनास नदी पर क्रेन की सहायता से शहर की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा का महा-विसर्जन कर सभी ने झाबुआ के राजा के जयकारे लगाकर उन्हें नम-आखों से विदाई दी। 10 दिवसीय गणेश महोत्सव को सफल बनाने में जेकेआर ग्रुप के सभी सदस्यों का सराहनीय सहयोग रहा।
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