धारा 370 को लेकर उमापति महादेव का किया गया श्रृंगार

श्रावण मास के अंतिम सोमवार को शिवालयों में गूंजे ऊॅं नमः षिवाय के स्वर, देवझिरी तीर्थ पर लगा मेला, भक्तों की रहीं भारी भीड़

झाबुआ। श्रावण मास के अंतिम सोमवार को शहर में स्थित शिव मंदिरों पर अलसुबह से ही दर्शन-पूजन का क्रम आरंभ हो गया, जो देर शाम तक चलता रहा। मंदिरों में भोले शंभु-भोलेनाथ एवं ऊॅं नम‘ शिवाय के समधुर गीत गूंजायमान हुए। देवझिरी तीर्थ पर मेले जैसा माहौल रहा। अंतिम सोमवार होने सभी मंदिरों में पर भक्तों की भारी लगी रहीं। शहर के  विवेकानंद कालोनी स्थित उमापति महादेव मंदिर सुश्री विद्या गोलानी द्वारा भगवान भोलेनाथ का फलों, एवु पुष्पों से आकर्षक श्रृगार किया गया तथा सजावत में धारा 370 का सन्देश दिया गया वहीं सिद्धेष्वर कॉलोनी स्थित सिद्धेष्वर महादेव मंदिर में अलसुबह से ही महिलाओं का पूजन की थालियां सजाकर दर्शन-पूजन के लिए आना आरंभ हो गया। सुबह के दौरे में यहां भक्तों की कतार भी लगी।   
       श्रद्धालुओं ने आस्था एवं श्रद्धा के साथ शिवलिंग पर जल, दूध, पंचामृत से अभिषेक कर कुंक, चावल चंदन से तिलक लगाकर भगवान के चरणों में पुष्पों के साथ गुलाब के फूल, बिल्व पत्र एवं शिवजी को प्रिय धतुरा अर्पण किया। भांग भी अर्पण की। मंदिर में शिवजी के समधुर गीत गूंजायमान हुए। छोटा तालाब स्थित श्री मनकामेष्वर महादेव मंदिर में भी सुबह से लेकर शाम तक भक्तों की आना-जाना लगा रहा। यहां श्रद्धालुओं की मनकामेष्वर महोदवजी के दर्शन के लिए कतार देखी गई। डीआरपी लाईन स्थित गोपेष्वर महादेव मंदिर पर भोले शंभु-भोलेनाथ के जयकारों के साथ भक्तों ने गोपष्वर महादेवजी की पूजा-अर्चना करने का लाभ प्राप्त किया। 
इन मंदिरों पर भी रहीं भीड़
अंतिम श्रावण सोमवार को शहर के विवेकानंद कॉलोनी स्थित उमापति महादेव मंदिर पर विवेकानंद कॉलोनी, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी, न्यू हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी, लक्ष्मीनगर, रतनपुरा, एलआईसी कॉलोनी के रहवासी महिला-पुरूषों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर यहां पूजन-पाठ किया। कॉलेज मार्ग पर प्राचीन सोमेष्वर महादेव मंदिर, गायत्री शक्तिपीठ स्थित स्फटिक महादेव मंदिर, बसंत कॉलोनी स्थित षिव मंदिर, गोपाल कॉलोनी स्थित महांकाल मंदिर पर भी श्रद्धालुओं का सुबह के दौर में आना-जाना लगा रहा। 
विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान हुए संपन्न
देवझिरी तीर्थ पर शहर सहित जिलेभर से श्रद्धालुओं द्वारा पवित्र कुंड में स्नान करने के बाद कतार में खड़े रहकर भगवान के दर्शन किए गए। यहां स्व. पं. हरिप्रसाद अिर्ग्नहोत्री की परंपरा का निर्वहन करते हुए जितेन्द्रप्रसाद अग्निहोत्री, देवेन्द्रप्रसाद अग्निहोत्री परिवार की ओर से भगवान का रूद्राभिषेक बादआचार्य जैमिनी शुक्ला द्वारा मंत्रोच्चार के साथ करवाया गया तथा दोपहर में महाआरती पश्चात् महाप्रसादी रखी गई। झाबुआ-मेघनगर मार्ग पर स्थित पारदेष्वर महादेव मंदिर एवं दूधेष्वर महादेव मंदिर पर भी श्रद्धालुजन दर्षन-पूजन के लिए पहुंचे।

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