गोपाल मंदिर वार्षिकोत्सव: महाआरती के साथ हुआ तीन दिवसीय अध्यात्म महोत्सव का समापन
झाबुआ : मोहिनी ग्यारस पर बुधवार को गोपाल
मंदिर में आयोजित आध्यात्मिक महोत्सव
में श्रद्धालुओं की आस्था परवान चढी।
हर कोई सुधबुध खोकर प्रभु भक्ति में
लीन रहा। मंदिर के तीन दिवसीय स्थापना
महोत्सव के अंतिम दिन श्रद्धालुओं में
जबर्दस्त उत्साह नजर आया।
बुधवार सुबह 9-30 बजे से श्री गुरु पाद पूजन तथा भजनांजलि का आयोजन किया गया गुरु भक्तो ने भाव विभोर हो कर लाखे बैसिये करोडो उभिए रे तमे तो भजन करावे नी , दर्शन दो घनश्याम नाथ, मोरी अंखियां प्यासी हैं, मन मंदिर की जोत जगाओ घट घट वासी रे … .गोपाल कॉलोनी में म्हारा गुरुजी बिराजे, दुनिया मां डंको बाजे जी.. . मोहन प्यारा लागी छे तारी माया . . . आदि भजनों ने वातावरण भक्तिमय कर दिया ।
दिन चढ़ने के साथ भजनों
के स्वर तेज होते चले गए। जैसे ही
घडी में 12 बजे मंदिर परिसर गोपाल
प्रभु के जयकारों से गूंज उठा। पं.
रूपक त्रिवेदी ने रामशंकर जानी (बड़े बापजी ), घनश्याम प्रभु (छोटे बापजी ) व माँ गोपाल प्रभु की आरती की। महाआरती के दोरान पूरा पंडाल खचाखच भरा हुआ था। पुष्पांजलि के बाद महाप्रसादी का आयोजन हुआ । इसम बडी संख्या में भक्तगण शामिल हुए ।
रातभर चला भजन - कीर्तन का दौर
तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार शाम से मंदिर में भजन क्रीर्तन का सिलसिला शुरू हो गया । झांझ- मंजीरे, ढोल और हारमोनियम पर भजनों की संगत के बीच भक्त भाव विभोर हो गए । अनवरत भजनों का क्रम गुरूवार को महाआरती के समय तक चलता रहा।
उमड़ा भक्तो का सैलाब
मोहिनी एकादशी 6 मई 1971 को मंदिर का पहला वार्षिकोत्सव मनाया गया था । तभी से यहां लगातार आध्यात्मिक आयोजनों का सिलसिला चल रहा है । इसी तारतम्य में 49 वा वार्षिकोत्सव धूमधाम से बुधवार को मनाया गया । मंदिर में बुधवार सुबह से ही भक्तो का तांता लगना शुरू हो गया । सभी बारी- बारी से अपने गुरुदेव की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते रहे । सवेरे 7 बजे से ही यह सिलसिला आरंभ हो गया था जो लगातार दोपहर तक चलता रहा । इस बीच सामूहिक भजनो की स्वर लहरियां भी गूंजने लगी । भक्ति के माध्यम से भक्तगण एक लय में अपने भावो को अभिव्यक्ति करते रहे और भक्ति का आनंद चरम की और बढ़ता चला गया।
तीन दिन धूम रही
3 दिवसीय समारोह की शुरुआत सोमवार सुबह 9-30 बजे से हो गयी थी , दैनिक आरती के बाद लोक कल्याण के लिए गुरु ॐ का अखंड जाप आरम्भ हुआ जो अनवरत २४ घंटे तक चलता रहा। तत्पश्चात पूर्णाहुति हुई, दोपहर में भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया , वही इस दिन शाम को सामूहिक भजनो का आरम्भ हुआ जो अलसुबह तक चलता रहा बुधवार सुबह से ही वार्षिकोत्सव को गुरुदेव चरण पादुका पूजन एवं सद्गुरु फोटो पूजन के पश्चात् महाआरती एवं भंडारे का आयोजन हुआ।
देश भर से आये गुरु भक्त
झाबुआ जिले के अतिरिक्त देश - प्रदेश के कोने कोने से आए भक्तगण इस आयोजन के साक्षी थे । प्रदेश के इंदौर, रतलाम , उज्जैन, भोपाल, अलीराजपुर, महू , धार , राजस्थान के कोटा , बांसवाडा , जयपुर , गुजरात के राजकोट . बड़ोदा , अहमदाबाद, भरुच, जंत्राल , छत्तीसगढ़ के रायपुर सहित बैंगलोर , मुंबई , पूना , आदि स्थानों से भक्त बड़ी संख्या में समारोह में शामिल हुए.
भक्तो द्वारा ऑनलाइन दर्शन सुविधा का लाभ भी लिया गया
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