लोकरंग शिविर: शानदार प्रस्तुतियों ने बांधा समां

चित्रकला के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई मॉर्डन आर्ट पेंटिंग की एक्जिबिशन भी लगाई गई, जिसको सभी ने बहुत पसंद किया।

बाल कलाकारों ने लोकरंग शिविर के समापन को बनाया यादगार, पैलेस गार्डन में ढाई घंटे चला कार्यक्रम 

झाबुआ। लोकरंग शिविर के समापन समारोह में बच्चो ने कला रंग की ऐसी छठा बिखेरी की हर कोई इन उभरते हुए कलाकारों की तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाया। पैलेस गार्डन में ढाई घंटे तक बाल कलाकारों ने शानदार एवं यादगार प्रस्तुति दी। शिविर का आयोजन 5 मई से लोकरंग संस्था पर किया जा रहा था। लगभग 20 दिनो में इन बच्चो की तैयारियों व प्रदर्शन को देख कर हर कोई हैरत में था। संगीत, नृत्य, नाटक व चित्रकला के बच्चो ने सभी का दिल जीत लिया। पैलेस गार्डन पर हुये लोकरंग शिविर का आयोजन शाम 7 बजे से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जतलन कर की गयी। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष नीरज सिंह राठौर, व्यापारी अतिशय देशलहरा, रोटरी क्लब के अध्यक्ष अमित सिंह यादव (जादौन), अजय रामावत, मनीष व्यास, महेश पांडे थे।   
        अतिथियों ने शानदार व कामयाब आयोजन के लिए सभी कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि इन बच्चो की प्रस्तुतियों को देखकर निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि कला क्षेत्र में झाबुआ का भविष्य उज्जवल है। ऐसी प्रस्तुति टीवी पर देखी जाती है। उच्च स्तर की प्रस्तुति झाबुआ के कलाकारों द्वारा देखने को मिली यह हमारे लिए गौरव की बात है। एक उच्च मंच प्रदान करना लोकरंग संस्था का बहुत अज्छा प्रयास है। झाबुआ के कलाकार राष्ट्रिय स्तर पर अपनी कला को बिखेरने के लिए तैयार है। अतिथियो ने कहा कि लोकरंग संस्था को जो भी सहयोग चाहिए हम हमारे स्तर से जरूर करेंगे। ऐसी शुभकामनाओं के साथ आए हुए अतिथियों को पुष्पहार व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। 
 सरस्वती वंदना के साथ शुरूआत 
कार्यक्रम में सरस्वती वंदना पर बच्चो की मनमोहक गीत की प्रस्तुति हुई। वही शिव तांडव नृत्य विधा के बच्चो ने आकर्षक प्रस्तुति देकर लोगों को तारीफ करने पर मजबूर कर दिया। नन्हे कलाकारों ने बम बम बोले व पढ़ोगे लिखोंगे तो बनोगे नवाब पर मस्ती भरी प्रस्तुति दी जिसकों दर्शकों ने बहुत पसंद किया। वही संगीत में वाद्ययंत्रों द्वारा चला जाता हूं किसी की धुन में, मेरा नाम तू व चाँद शिफरिश बजाकर सभी का मन मोह लिया।दर्शकों ने की कार्यक्रम की सराहना। डोली सोलंकी ने गिटार बजाकर अपनी प्रस्तुति दी और सभी का दिल जीत लिया। समूह नृत्य प्रस्तुति को बालिकाओं ने उड़ीसा का लोग गीत रंगपति को अपने अंदाज में प्रस्तुत किया, जिसे सभी ने अपने मुक्त कंठ से सराहा। वही सीट की लड़ाई हास्य नाटक ने सभी दर्शको को बहुत हँसाया आम तौर पर ट्रेन में जो जो घटना घटती है उसे इस हास्य नाटक के माध्यम से दर्शाया। दो बालिकाओं ने तेरी मिट्टी पर देश के रक्षक हमारे जवानों का हौसला बढ़ाते हुए गीत पर अपनी प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में जिससे दर्शकों की तालियों से गार्डन गूंज उठा। वही क्लॉसिकल नृत्य घर मोहे परदेसिया को भी खूब सराहा। अंत में मल्हारी नृत्य की प्रस्तुति ने पूरा मंच हिला दिया। तालियों की गूंज ने पूरा माहौल बदल दिया। चित्रकला के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई मॉर्डन आर्ट पेंटिंग की एक्जिबिशन भी लगाई गई, जिसको सभी ने बहुत पसंद किया। 
 इन्होंने निभाई भूमिका 
 शिविर को सफल बनाने में संचालक आशीष पांडे, विकास पांडे, दीपक दोहरे, वीरेंद्र सिंह राठौर, प्रवेश उपाध्याय, भूमिका माहेश्वरी, अमृता मिश्रा, ताहा अली, कृष्णा कालानी, वैभव परमार, हिमांशु भूरिया, महावीर परमार, राहुल डामोर, ऋतिक नाडिया, सिद्धार्थ चौहान, सुरेश डामोर, विशाल परमार, वेदांत सोनी, यश त्रिवेदी, तनिष्क भूरिया, विवेक बारिया, लक्षित मेड़ा, डोली सोलंकी, पायल पंवार, रिया बारिया, पायल मेड़ा, प्रेषिता निनामा ने अपनी भुमिका निभाई। शिविर के समापन का संचालन पूजा मुकेश कोठारी द्वारा किया गया। आभार लोकरंग संस्था ने माना।


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