राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना द्वारा सूखे कंडों की जलाई गई होली
समाज के वरिष्ठजनों गजेन्द्रसिंह चंद्रावत, रविन्द्रसिंह सिसौदिया, रिंकू सिसौदिया आदि द्वारा उद्बोधन दिए गए एवं बताया गया कि समाज में फैली कुरूतियों जैसे भूण्र हत्या, दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, बाल विवाह एवं निरक्षरता आदि कुरूतियों को अंकुश लगाने हेतु लक्ष्य निर्धारित कर युवक-युवतियों को संकल्प दिलवाया.
सामाजिक कुरूतियों का किया गया दहन
झाबुआ। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना द्वारा स्थानीय विजय स्तंभ तिराहे के समीप श्री राजपूत बोर्डिंग हाउस पर बुधवार को रात्रि 8.20 बजे होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। करणी सेना द्वारा अनोखे रूप से आयोजन करते हुए सूखे कंडों की होली जलाई गई। जिसमें सामाजिक कुरूतियों के अलग-अलग पुतले बनाकर उन्हें भी जलाया गया।
महाराणा प्रताप के जय घोष के साथ समाज के समस्त युवक-युवतियों द्वारा होलिका माताजी की पूजन की गई। जिसमें राजपूत समाज की महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होकर पूजन की। पश्चात् सामाजिक कुरूतियों पर समाज के वरिष्ठजनों गजेन्द्रसिंह चंद्रावत, रविन्द्रसिंह सिसौदिया, रिंकू सिसौदिया आदि द्वारा उद्बोधन दिए गए एवं बताया गया कि समाज में फैली कुरूतियों जैसे भूण्र हत्या, दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, बाल विवाह एवं निरक्षरता आदि कुरूतियों को अंकुश लगाने हेतु लक्ष्य निर्धारित कर युवक-युवतियों को संकल्प दिलवाया कि इस दिशा में समाज में जागरूकता लाई जाए एवं इस हेतु सभी संगठित होकर कार्य करे। इसके बाद करणी सेना के पदाधिकारियों का समाजजनों से परिचय करवाया गया एवं समाज द्वारा सभी पदाधिकारियों का अभिवादन किया गया। होलिका दहन समाज के वरिष्ठ नारायणसिंह बेकल्दा, सज्जनसिंह सिसौदिया द्वारा सपत्निक किया गया। दहन पश्चात् समाजजनों द्वारा एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर तथा गुलाल लगाकर धुलेंडी पर्व की शुभकामनाएं दी गई।
ये थे उपस्थित
इस अवसर पर करणी सेना के नगर एवं तहसील अध्यक्ष अजीतसिंह चिचौड़िया, जिला मीडिया प्रभारी विरेन्द्रसिंह राठौर, जिला प्रवक्ता गजेन्द्रिंसह शक्तावत, तहसील एवं नगर प्रवक्ता रविराजसिंह राठौर, तहसील संयोजक वैभवसिंह राठौर, नगर संयोजक लोकेन्द्रसिंह सलूनिया, नगर मीडिया प्रभारी गौरवसिंह चौहान सहित युवतियों में दीपकुंवर गौड़, भूमिका पंवार, भुवनेश्वरी सोलंकी, हर्षा सिसौदिया, हिमानी चंद्रावत सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।
होलिका दहन बाद परिक्रमा लगाते राजपूत समाज की महिलाएं एवं युवतियां |
आपकी राय