जिला जेल में कैदियों से मुलाकात अब इंटरकॉम पर
करीब साल भर से चल रहे नए कक्ष का निर्माण पूरा होने के बाद मंगलवार से यह सुविधा लागू कर दी गई। विधायक शान्तिलाल बिलवाल ने जिला जेल में बंदियों के मुलाकात के लिये बने इंटरकॉम टेलीफोन सिस्टम मुलाकात कक्ष का उद्धघाटन किया.
झाबुआ। जिला जेल में बंदियों से मुलाकात का तरीका मंगलवार से बदल जाएगा। जेल में अब परिजन व बंदी मुलाकात कक्ष में आमने-सामने बैठकर बात करेंगे लेकिन यह बातचीत इंटरकॉम के जरिए होगी। बंदी व परिजन के बीच में कांच लगा रहेगा। करीब साल भर से चल रहे नए कक्ष का निर्माण पूरा होने के बाद मंगलवार से यह सुविधा लागू कर दी गई। विधायक शान्तिलाल बिलवाल ने जिला जेल में बंदियों के मुलाकात के लिये बने इंटरकॉम टेलीफोन सिस्टम मुलाकात कक्ष का उद्धघाटन किया और दो समर्सिबल मोटर एवम जेल बगीचे से जेल तक कि पाइप लाइन की घोषणा की।
अभी तक जेल में कैदियों से परिजन व परिचित मुलाकात कक्ष में खिड़की के पास खड़े होकर एक-दूसरे से बात करते थे। खिड़की पर जाली लगी होने से जहां परिजन व कैदी आपस में ठीक ढंग से बात नहीं कर पाते थे वहीं भीड़ अधिक होने से जेल प्रशासन को भी परेशानी होती थी। नए कक्ष में फिलहाल ३ इंटरकॉम फोन लगवाए गए हैं। इसी तरह कैदी व परिजन के बीच जाली के स्थान पर पारदर्शी कांच लगा होगा। आमने सामने बैठकर परिजन व बंदी फोन पर बात कर सकेंगे। इस तरह के मुलाकात कक्ष वर्तमान में इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन आदि जेलों में हैं।
मुलाकात का रहेगा रिकॉर्ड
जेल में 380 बंदियों को रखने की क्षमता है। मुलाकात का समय सुबह 9.30 से दोपहर 1.30 बजे तक रहता है। दोपहर साढ़े बारह बजे तक जिन लोगों द्वारा पंजीयन कराया जाता है, उनकी मुलाकात बंदियों से कराई जाती है। औसतन 50 से 60 मुलाकात प्रतिदिन होती है। नई व्यवस्था में इसका रिकॉर्ड रखना भी आसान होगा।
सुविधा से फायदा होगा
आधुनिक मुलाकात कक्ष के निर्माण पर करीब डेढ़ लाख वहीं टेलीफोन व अन्य उपकरण लगाने में करीब 70 हजार रुपए खर्च हुए हैं। मुलाकात कक्ष बनाकर तैयार हो गया है। बुधवार यानी 15 अगस्त से यहां मुलाकात प्रारंभ की जाएगी। इससे बंदियों व उनसे मुलाकात करने आने वाले परिजन व अन्य लोगों को सुविधा होगी। बैरकों में मच्छरदानी भी लगवाई जा रही है।
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