स्वामी प्रणवानंद सरस्वती ने 6 दिवसीय धर्म जागरण यात्रा का शुभांरभ किया
हम किसी भी धर्म के विरुद्ध नही : स्वामी प्रणवानंद सरस्वती
पारा। वनवासी अंचल मे शिवरात्री के पावन अवसर पर वृदांवन के महामंडलेश्वर 1008 आचार्य स्वामी प्रणवानंद सरस्वती अपनी छः दिवसीय विशाल धर्म जागरण यात्रा आरंभ शुक्रवार 9 फरवरी को ग्राम रोटला से किया। नगर से करीब डेढ़ किलोमीटर की कलश यात्रा निकाल कर हजारो की संख्या मे आदिवासी बंधुओ ने स्वामी जी का स्वागत किया व ग्राम रोटला मे ले गए। जहा विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए स्वामी प्रणवानंद जी ने कहा कि हम किसी भी धर्म के आलोचक या विरोधी नही है । वे अपने धर्म का पालन करे व हमे अपने धर्म का पालन करने दे । हम धर्म परिवर्तन के सख्त खिलाफ है । किसी की मजबुरी का फायदा उठाकर धर्म परिवर्तन करवाना कहा की नैतिकता है । धर्म सभा मे स्वामी जी ने माता शबरी व महर्षि वाल्मीकि के बारे मे विस्तार बताया साथ ही झाबुआ कि संस्कृति व आदिवासी भाईयो के उनके पुर्वजो के बारे मे बताया कि उनके पुर्वज कोन थें। केसा उनका जीवन था व वे किस धर्म का पालन करते थै।
पांच परिवार लोटे अपने घर
धर्म जागरण यात्रा के पहले दिन गाम रोटला मे स्वामी प्रणवानंद सरस्वती जी के द्वारा धर्म की व्याख्या सुन कर धर्म विशेष अपना चुके पांच परिवारो ने आज पुनः वेदिक रिति से हिन्दु मे वापसी की व अपने हिन्दु होने पर गर्व महसुस किया व कहा की हम कतिपय लोगो के बहकावे मे आकर अपने धर्म से भटक गए थै। अपने धर्म मे आकर अपना पन महसुस कर रहे हे। हिन्दु यार्म से बडा कोई धर्म नही हे।
इस अवसर पर स्वामी जी के साथ धर्म यात्रा मे शिवगंगा के महेश शर्मा, जीतेन्द्र महाराज रायपुरीया, कानुजी महाराज, संत श्री जोसाजी महाराज ने भी धर्म सभा को संबोधित किया। पश्चात महाप्रसादी वितरीत की गई रोटला मे कार्यक्रम के संयोजक केसरसिह भुरिया थै। वही पर रात्री मे भजन संध्या कर स्वामी जी ने रात्री विश्राम भी रोटला मे ही किया। इस अवसर पर हजारो कि संख्या मे आदिवासी श्ऱद्धालु उपस्थित थे।
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