मध्यरात्री तक राजवाडा चौक में रही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगत
राष्ट्रीय किन्नर सम्मेलन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को निहारने उमड रही भीड
झाबुआ । नगर में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय किन्नर सम्मेलन में गुरूवार की रात को भी राजवाडा परिसर में गीत,गजल, भजनो, कव्वाली,पारंपरिक नृत्य, रेकार्ड डांस के रंगारंग कार्यक्रम को देखने के लिये हजारों की संख्या में दर्शकों ने तालियों की गडगडाहट के साथ कार्यक्रम का आनन्द लिया । रात्री 8-30 बजे से किन्नर समाज के लोगों ने भजनों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया । इसके बाद ऐ मेरे नबी तु ही है सहारा कव्वाली के साथ दी गई प्रस्तुति ने सर्द वातावरण में भी श्रोताओं को झुमने को मजबुर कर दिया । वही श्रीकृष्ण के भजन सुनकर श्रोतागण भाव विभोर हो गये । वही देश के विभिन्न प्रांतों दिल्ली, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मुबई, पूणे के किन्नर कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से लोगों का अच्छा खासा मनोरंजन किया ।
किन्नर समाज की गुरू सलमा जान बडनगर एवं कार्यक्रम आयोजन प्रमुख नसीम जान रानी ने बताया कि 15 दिसम्बर तक चलने वाले अखिल भारतीय किन्नर सम्मेलन में प्रतिदिन रात्री को एक से बढ कर एक सांस्कृतिक एवं मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जारहे है । उन्होने बताया कि देश भर से 5000 के लगभग किन्नर समाज के प्रतिनिधि इस महाकुंभ में एकत्रित होकर देश की एकता एवं अखंडता के साथ ही साम्प्रदायिक सदभावना का सन्देश दे रहे है । उन्होने बताया कि किन्नर समाज के आशीर्वाद सभी को फलते फुलते है और इनको समाज भी सम्मान देता है ।
शुक्रवार को हुआ मामेरो का आयोजन
भारतीय परंपरा के अनुसार अखिल भारतीय किन्नर सम्मेलन के दौरान सात से अधिक मामेरों की रस्म का निर्वाह किया गया । नसीमजान एवं सलमान जान ने बताया कि किन्नर समाज में भी रिश्ते नाते होते है और परंपरा के अनुसार अपने रिश्तेदारों को मामेरा रस्म के अन्तर्गत नवीन वस्त्रादि उपहार स्वरूप दिये जाते है । स्थानीय पैलेस गार्डन में आयोजित अखिल भारतीय किन्नर सम्मेलन में पूरे देश भर के किन्नरों ने एकत्रित होकर झाबुआ की इस धर्म धरा पर एकता एवं भाईचारे का सन्देश प्रवाहित करने का काम किया जा रहा है ।
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