वीडियो - झाबुआ मुहर्रम 2017

जुलुस के दौरान पुलिस प्रशासन का अमला पुरे रास्ते मुस्तैद नजर आया , देर रात तक शहर में मुहर्रम के जुलुस की धूम रही । नए साल का चाँद मुबारक नजर आते ही मुस्लिम समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। इसी के साथ इस्लामी नववर्ष 1439 हिजरी की शुरुआत हो गई है।
शहर में धार्मिक सद्भाव का नजारा पेश करते हुए हजारों मुस्लिमों ने रविवार को इस्लामी महीने के दसवें दिन 'अशूरा' पर मुहर्रम का जुलूस निकाला, जबकि एक दिन पहले विजयादशमी पर हिंदुओं ने दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जित किया। मुस्लमानों और हिंदुओं ने इस धार्मिक अवसरों पर पूर्ण शांति और सद्भाव के साथ भाग लिया। मुहर्रम के मौकों पर, मुस्लमानों ने इस्लामिक महीने के मुहर्रम के 10 वें दिन ढोल की ताल पर सीने पर हाथ पीटते हुए जुलूस निकाला। इस जुलूस के साथ ही उन्होंने 680 ईस्वी में इराक के करबला में पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत पर शोक मनाया। रविवार की रात मुहर्रम की नौ तारीख को ताजिये नगर भ्रमण पर निकले ।
 
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