अति प्राचीन जैन तीर्थ श्री ऋषभदेव बावन जिनालय का 122वां स्थापना दिवस आज
झाबुआ। शास्त्रों में उल्लेखित है कि जहां वतन को शांति प्राप्त हो, आत्मा का परमात्मा से तादात्म्य स्थापित हो, जहां देवषक्तियां स्वयं बिराजित होकर सर्वे सुखिनः भवन्तु के आशीष प्रदान करती है, जहां जाने मात्र से ही मन को एक सुकुन मिलता हो ऐसे स्थान को मंदिर की उपमा दी गई है।
यह जानकारी देते श्री संघ के युवा रिंकू रूनवाल ने बताया कि झाबुआ शहर का सौभाग्य है कि आज से 121 वर्ष पूर्व विक्रम संवत 1952 माह सुदी पूर्णिमा को अवतार तुल्य दादा गुरूदेव श्री विजय राजेन्द्र सूरिष्वरजी मसा ने 251 जिनबिंब की प्रतिमा की अंजन शलाका की थी और इतनी अवधि में इस पवित्र तीर्थ स्थल 52 जिनालय का का प्रादुर्भाव होना ही अपने आप मे एक चमत्कार ही कहा जावेगा। आज न सिर्फ समूचा मालवा प्रांत बल्कि देष के कोने-कोने से यहां तीर्थयात्रियों का जमावडा होता है और भगवान की मनमोहक प्रतिमा के दर्षन करके अपने आप को धन्य एवं गौरवान्वित महसूस करते है।
52 जिनालय जैन तीर्थ जहां स्वयं साक्षात परमात्मा का वास माना जाता है, को देव विमान का स्वरूप माना जाता है। शाष्वत तीर्थ नंदिष्वर द्वीप जहां पर देवता वंदन पूजन करते है उसकी रचना भी हुबहु 52 जिनालय कहलाती है।
जैन तीर्थ में भक्त को दर्शन से मिलती है आत्म शांति

शहर में है 5 जिनालय
इस तीर्थ की प्रसिद्धी इसी बात से होती है कि जैन संप्रदाय के सभी महान मुनियो, आचार्यो एवं संतो ने यहां पधार कर भगवान के दर्शनलाभ लेकर इस धरा को पवित्र करके आध्यात्मिक आनंद का केन्द्र बना दिया है। बावन जिनालय परिसर में श्री गणधर मंदिर, के अलावा नगर में चमत्कारिक जिनदत्तसूरी, जिन कुशल सूरि दादावाडी, श्री नाकोडा पार्श्वनाथ मंदिर के साथ ही गोडी पार्श्वनाथ मंदिर एवं श्री महावीर बाग मंदिर भी इस पावन धरा पर स्थापित होकर पूरे नगर, एवं अंचल में अपनी आध्यात्मिक आभा से पूरे वातावरण को धर्ममय बना रहे है। श्री 52 जिनालय को लेकर बाहर से आने वाले यात्रिकों के अनुभवों को यदि सुना जा तो यहां सर्व मनोरथ पूर्ण होने में देरी नही लगती है।
आज मनाया जाएगा 122वां स्थापना दिवस
सुश्रावक संजय मेहता ने बताया कि शुक्रवार को श्री ऋषभदेव बावन जिनालय का 122वां स्थापना दिवस विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रातः श्री भक्तामर पाठ के पश्चात् भगवान का पंचामृत से अभिषेक एवं केशर पूजन होगी। महिला परिषद् द्वारा श्री आदिनाथ भगवान की पंच कल्याण पूजन पश्चात् सामूहिक सामायिक का आयोजन होगा। श्री संघ द्वारा सभी धार्मिक कार्यक्रमों को सफल बनाने की अपील समाजजनों से की है।
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