डॉ.रामशंकर चंचल की कृति देश विदेश में लोकप्रिय
झाबुआ : साहित्यकार डॉ.रामशंकर चंचल की ताजा कृति " पर्यावरण की पुजारिन " ने लोकप्रियता हासिल कर देश के सबसे बड़े प्रकाशक नेशनल बुक ट्रस्ट नई दिल्ली में लोकप्रिय लेखको की सूचि में अपना नाम , झाबुआ जिले का नाम दर्ज़ कर एक नया कीर्तिमान रचा है। हाल ही में दो दिन पूर्व उनको कृति के तीसरे संस्करण की प्रतिया प्राप्त हुई. डॉ.चंचल ने एक मुलाकात में बताया की संभव है की ट्रस्ट अब विश्व की किसी भी भाषा में उक्त कृति का अनुवाद भी प्रकाशित करे।
ज्ञात हो की डॉ.चंचल द्वारा विगत वर्षो में अनेकानेक उपलब्धिया हासिल की गयी है जिनमे आपकी रचनाओ पर फिल्म काली का निर्माण , दूरदर्शन आकाशवाणी पर सतत प्रसारण , रचनाओ का पाठ्यक्रम में शामिल होने के साथ ही अनेक भाषाओ में अनुवाद , साथ ही आपकी कृतियों पर पीएचडी होना आदि है।
अपनी इन गौरवमय उपलब्धियों का श्रेय डॉ. चंचल अपने माता पिता के आशीर्वाद, जिले की जनता का प्यार और मीडिया के सहयोग को मानते है जिसने उनको कर्मशील व सक्रिय रखा।अन्य प्रकाशित कृतियाँ
आदिवासी त्यौहार | अर्धनग्न | बड़ा आदमी | बदल गया गाँव | एकलव्य |
काली | पड़ना लिखना सीखो | पानी पानी | पानी पानी | साक्षर बनो महान बनो |
सोमारू | तुम्हारी मुस्कराहट | वृक्षा रोपण |
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