झाबुआ के कलाकारों को लेकर बनी फिल्म ' अंगूरी बनी अंगारा ' शहर में रही हाउस फुल
बॉलीवुड में आत्म समर्पण पर कई फिल्म बनी है , अंगूरी बनी अंगारा भी इसी विषय पर बनी फिल्म है लेकिन उसका अंत अलग होकर प्रेरणा दाई हो गया है गुलरेज हसन द्वारा लिखित यह फिल्म न केवल कहानी बल्कि क्षेत्रीय कलाकारों के अभिनय के दृष्टिकोण से भी सराहनीय है..
झाबुआ : इंदौर और झाबुआ की खूबसूरत वादियों में शहर के स्थानीय कलाकारों को लेकर बनी फिल्म ' अंगूरी बनी अंगारा ' शुक्रवार को शहर के सिनेमाघर सहित पूरे प्रदेश के करीब 60 सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी है। करोडों रुपए की लागत और नामी सितारों के साथ बनने वाली फिल्में भी कई बार दर्शकों को लुभा नहीं पाती लेकिन शहर के कलाकारों द्वारा बनाई फिल्म " अंगूरी बनी अंगारा " दर्शकों को खासी पसंद आई । शहर में पहले दिन इस फिल्म का पहला ही शो हाउस फूल रहा। फिल्म में अंगूरी का किरदार निभाने वाली मोना चौधरी ने बताया पहली बार रिजनल लैंग्वेज की फिल्म में काम करके मज़ा आया। इस दोरान भीलों की संस्कृति और बोली को सिखने का मौका भी मिला। इंदौर की कलाकार मोना चौधरी इससे पहले करीब 100 वीडियो एल्बम में काम कर चुकी हैं।
बॉलीवुड में आत्म समर्पण पर कई फिल्म बनी है , अंगूरी बनी अंगारा भी इसी विषय पर बनी फिल्म है लेकिन उसका अंत अलग होकर प्रेरणा दाई हो गया है गुलरेज हसन द्वारा लिखित यह फिल्म न केवल कहानी बल्कि क्षेत्रीय कलाकारों के अभिनय के दृष्टिकोण से भी सराहनीय है। निर्देशन की दृष्टि से निर्भय चौधरी ने अच्छी शरुवात की है फिल्म अश्लीलता से पूरी तरह दूर है। " हमु काका बाबा न पोरिया " फेम आनंदीलाल मोवेल गाते हुए फिल्म में है। आकांशा जाचक का गाया गीत है जवानी , उनकी आवाज़ की पहचान कराता है, फिर कैलाश खेर की आवाज़ तो फिल्म की जान है. निश्चित रूप से तोलानी मूवीज की इस फिल्म ने मप्र फिल्म निर्माण में अच्छी दखल अन्दाजी की है आगाज़ अच्छा कहा जा सकता है और यात्रा सुखद होगी क्योंकि यहाँ कई विषय इंतज़ार में है...
बॉलीवुड में आत्म समर्पण पर कई फिल्म बनी है , अंगूरी बनी अंगारा भी इसी विषय पर बनी फिल्म है लेकिन उसका अंत अलग होकर प्रेरणा दाई हो गया है गुलरेज हसन द्वारा लिखित यह फिल्म न केवल कहानी बल्कि क्षेत्रीय कलाकारों के अभिनय के दृष्टिकोण से भी सराहनीय है। निर्देशन की दृष्टि से निर्भय चौधरी ने अच्छी शरुवात की है फिल्म अश्लीलता से पूरी तरह दूर है। " हमु काका बाबा न पोरिया " फेम आनंदीलाल मोवेल गाते हुए फिल्म में है। आकांशा जाचक का गाया गीत है जवानी , उनकी आवाज़ की पहचान कराता है, फिर कैलाश खेर की आवाज़ तो फिल्म की जान है. निश्चित रूप से तोलानी मूवीज की इस फिल्म ने मप्र फिल्म निर्माण में अच्छी दखल अन्दाजी की है आगाज़ अच्छा कहा जा सकता है और यात्रा सुखद होगी क्योंकि यहाँ कई विषय इंतज़ार में है...
होलीवूड जैसी लोकेशनअसिस्टेंट डायरेक्टर हर्ष चौहान ने बताया सिंनेमेटोग्राफी सुकुमार जेठानिया की थी जो बॉलीवुड के लिए काम करते है । उन्होंने झाबुआ और आसपास की लोकेशंस के बारे में कहा ये तो होलीवूड फिल्मो जैसी लोकेशंस हैं।
फिल्म के प्रोमो ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी
फिल्म निर्माता हरीश तोलानी ने बताया की मप्र को फिल्म सिटी की सौगात देकर फिल्मो में मप्र की एक अलग पहचान बनाना है , अब तक मप्र में यदा कदा ही गिनी चुनी फिल्मे होती थी लेकिन बड़वाह के पास आठ एकड़ में जल्द ही फिल्म इंडस्ट्री की स्थापना की जाएगी। लगभग छह माह में ही फ़िल्मी शूटिंग से एडिटिंग सम्बंधित कार्य के लिए लोगो को मुंबई नहीं जाना पड़ेगा ।
तोलानी ने बताया की उनकी फिल्म " अंगूरी बानी अंगारा " गत 13 मार्च को रिलीज़ हो चुकी है इस फिल्म में मप्र के कलाकारों को लिया गया है। वही फिल्म की शूटिंग के लिए पूरी टेक्निकल टीम मुंबई से बुलाई गयी है उन्होंने ने बताया की पहले प्रयास में ही उन्होंने बॉलीवुड स्तर की फिल्म बनाई है इस फिल्म के प्रोमो ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है इस फिल्म को प्रदेश सरकार का पूरा सहयोग रहा , तोलानी ने संकल्प दोहराया की वह प्रदेश में स्ट्रगल कर रहे कलाकारों को अछा प्लेटफार्म देना चाहते है उन्होंने बताया की फिल्म " अंगूरी बनी अंगारा" के--
- डायरेक्टर निर्भय चौधरी है।
- मुख्य नायिका मोना चौधरी है
- मुख्य भूमिका में नितेश चौधरी है और
- खलनायक की भूमिका में इदरीश खान है।
- इसके लेखक गुलरेज खान है
- फिल्म में संगीत आनंदसिंह ने दिया है।
- कोरियोग्राफी विशाल बैस ने की है।
- फिल्मो के गाने प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर , आकांशा जाचक , पलक मुछाल , आनंदीलाल भावेल , निधि शर्मा , वैभव तिवारी व राजा हसन ने गाये है।
90 फीसदी शूटिंग झाबुआ में
फिल्म के शूटिंग में झाबुआ व खरगोन के भीली संस्कृति को दर्शाया गया है। झाबुआ और इंदौर में शट हुई तोलानी मूवीज की फिल्म " अंगूरी बानी अंगारा " की 90 फीसदी शूटिंग झाबुआ में और 10 फीसदी शूटिंग इंदौर में हुई है फिल्म के प्रोडूयसर और डायरेक्टर का मानना है की इस फिल्म के जरिये प्रदेश के कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। नारी प्रधान इस फिल्म की हीरोइन मोना चौधरी , हीरो नितेश उपाध्याय और विलेन इदरीस खत्री प्रदेश के रंग मंच के जाना पहचाना नाम है। अन्य भूमिका में शहाना खान , पूजा शर्मा , दीपिका शर्मा , कृष्णा राव सहित अन्य कलाकार इंदौर के है। मोना चौधरी इससे पहले " फेसलो म्हारो छे " फिल्म की भी मुख्य अभिनेत्री रह चुकी है
यह है फिल्म की कहानी
निर्भय सिंह ने बताया की फिल्म की कहानी एक रियल स्टोरी से इंस्पायर्ड है , जैसा की नाम है " अंगूरी बनी अंगारा " , . स्पष्ट है की अंगूरी क्यों बनी अंगारा। अंगूरी ( मोना चौधरी ) समर्पण करने वाले डाकू मेघा सिंह ( नीतीश उपाध्याय ) की पत्नी है। गांव के रसूखदार और विधायक नाहरसिंह ( इदरीस खान ) के यहाँ कई किसानो की जमीन गिरवी पड़ी है जिसे मेघा अपना सब कुछ बेचकर छुड़वा लेता है फिर होता है विधान सभा चुनाव जिसमे नाहरसिंह के सामने मेघा सिंह खड़ा होता है नाहरसिंह एक पुलिस वाले की हत्या करवाकर छलपूर्वक मेघा को हत्यारा साबित करवाकर उम्र कैद करवा देता है फिर उसकी पत्नी अंगूरी पर कठोर जुल्म करता है डाकू जलवा गैंग को दुखयारी अंगूरी मिल जाती है और वो उससे कहता है की नाहरसिंह से बदला लो।
झाबुआ की लोकेशंस
निर्भय सिंह ने बताया की झाबुआ के सुदूर अंचल में हमे ऐसी लोकेशन मिली जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी ये लोकेशन पहली बार सिल्वर स्क्रीन पर दिखेगी इसमें हमे रेगिस्तान की ऐसी लोकेशन मिली जैसी लोकेशन दुबई में है। इंदौर में पितृपर्वत और नखराली दानी में शूटिंग की गयी है
फिल्म रीलीज़ के मौके पर " अंगूरी बनी अंगारा " की पूरी टीम झाबुआ में मौजूद रही
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