माँ मातंगी धाम झाबुआ
हरियाली युक्त वातावरण में निर्मित मातंगी मंदिर चारो और से हरियाली से ढकॉ हुआ है। मंदिर में खडे होकर जिस और भी नजर जाती हरियाली और सुंदरता से भरे दृश्य ही दिखाई देते । मातंगी धाम पर ऐसी हरियाली व विहंगम दृश्य देखकर अनुभुति होती है कि प्राचीनकाल में निशचित ही यहॉ कोई देव्य शक्ति प्रत्यक्ष रूप में विद्यमान रही होगी जिसके ही दिव्य साये के रूप में आज यह स्थल इतनी विशालता एवं इतने वर्षो के बाद भी आज उसी प्राचीन काल की मौजुदगी इन हरियाली आछादित वादियो में दर्शा रहा है।
फ़रवरी २०११ में मातंगी धाम झाबुआ में नवनिर्मित मंदिर स्थल का निर्माण पश्चात् मातंगी की मूर्ति स्थापना की गयी , कार्यक्रम चार दिनों का था जिसमे मातंगी मूर्ति की स्थापना के साथ ही मातंगी का पाटोत्सव भी भव्य रूप में मनाया गया। सेकडो वर्ग फीट में फैला मातंगी मंदिर शहर के बिल्कुल मध्य भाग में स्थित है ।
मातंगी मंदिर इंदौर अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही स्थित है। झाबुआ शहर के मध्य भाग में स्थित मातंगी मंदिर कई बडे शहरों जिनमें इंदौर, दाहोद आदि कई शहरों से बिल्कुल सटा हुआ है। मातंगी धाम से दाहोद शहर की दुरी मात्र 75 कि.मी है , व इंदौर शहर से दुरी मात्र 150 कि.मी है। इसके अलावा मध्य बिंदु में स्थित होने के कारण अन्य स्थानो से भी मातंगी धाम की दुरी अधिक नही है। मातंगी धाम के पास में ही कई छोटे छोटे गॉव है जिनमें रानापुर, थांदला , जोबट, मेघनेगर आदि है जो मातंगी धाम से कुछ ही कि.मी की दुरी पर है । इनमें मेघनगर जो कि मातंगी धाम से मात्र 15 कि.मी की दुरी पर स्थित है वहॉ पर रेल्वे स्टेशन की सुविधा भी है अन्यत्र स्थानो से आने वाले लोगो के लिए जो रेल मार्ग से मातंगी तक पहुचना चाहते है वे सीधे ही रेल मार्ग से मेघनगर आकर यहॉ से उपयुक्त व्यवस्था बस ,जीप आदि व्यवस्था कर बिना किसी परेशानी के मातंगी धाम तक पहुच सकते है।
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